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गर्भवती महिलाएं निश्‍चिंत होकर ले सकती हैं ओमेगा-3, इससे नहीं होती ये परेशानी

ज्‍यादातर गर्भवती महिलाओं को मछली, अखरोट, एवोकैडो और सप्‍लीमेंट से प्राप्‍त पर्याप्‍त मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड नहीं मिल रहा है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 03:50 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 09:55 AM (IST)
गर्भवती महिलाएं निश्‍चिंत होकर ले सकती हैं ओमेगा-3, इससे नहीं होती ये परेशानी
गर्भवती महिलाएं निश्‍चिंत होकर ले सकती हैं ओमेगा-3, इससे नहीं होती ये परेशानी

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। गर्भवती महिला को खानपान का विशेष ध्‍यान देना चाहिए, क्‍योंकि उसे अपनी नियमित पौष्टिकता के साथ गर्भ में पल रहे बच्‍चे के पोषण और विकास का भी ध्‍यान रखना होता है। अगर इसमें कोई चूक हो जाये तो इससे बच्‍चे का विकास तो अवरुद्ध होगा साथ ही उसका कोई अंग अविकसित ही रहेगा। इसलिए गर्भवती महिलाओं को सभी तरह के प्रोटीन और विटामिन के सेवन की सलाह दी जाती है, इसमें एक महत्‍वपूर्ण अवयव है ओमेगा-3 एसिड।

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गर्भावस्था के दौरान ओमेगा-3 वसा अम्ल का ज्यादा मात्रा में सेवन समयपूर्व प्रसव के जोखिम को घटाता है यह बच्‍चे के दिमाग के सही तरीके से विकास के लिए जरूरी है। इस लेख में विस्‍तार से जानिये गर्भावस्‍था के दौरान किन-किन कारणों से महिला को ओमेगा-3 का सेवन करना चाहिए।

एक शोध के अनुसार, ज्‍यादातर गर्भवती महिलाओं को मछली, अखरोट, एवोकैडो और सप्‍लीमेंट से प्राप्‍त पर्याप्‍त मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड नहीं मिल रहा है। विशेष रूप से, उन्‍हें पर्याप्‍त डीएचए (डोकोसेहेक्सेनॉइक एसिड), यानी ओमेगा-3 की श्रृंखला में शामिल पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड (ओमेगा 3-lcpufa) नहीं मिल पाता, जो बच्‍चे के मस्तिष्‍क के विकास के लिए महत्‍वपूर्ण होता है।

डीएचए मुख्य रूप से मछली और अन्य समुद्री भोजन से प्राप्‍त किया जाता है। हाल में हुए सर्वे के मुताबिक ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त मछली या अन्य खाद्य वस्तुएं खाने से कैंसर और हृदय संबंधी रोगों से असमय होने वाली मौत का खतरा कम हो जाता है।

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ओमेगा-3 के फायदे

ओमेगा 3 शरीर के लिए एक अच्छा पॉलीअनसैचुरेटेड फैट है। यह दिमाग को सुचारु रूप से चलाने, हृदय को सेहतमंद रखने, आंखों से जुड़ी समस्याओं से निजात पाने, तनाव, डिमेंशिया और कैंसर के इलाज में फायदेमंद है। हमारा शरीर इस फैटी एसिड का निर्माण नहीं कर सकता, इसलिए हमें अपनी डाइट में इसे जरूर शामिल करना चाहिए। आइए जानें कौन-कौन से खाद्य पदार्थों में यह पाया जाता है।

अलसी के बीज

इसमें काफी तरह के पोषक तत्वों के अलावा ओमेगा 3 और लिगनेन्स (जो एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है) मौजूद होते हैं। यह घुलनशील और अघुलनशील, दोनों तरह के फाइबर और प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है। इसे दिन भर में 15 ग्राम ले सकते हैं।

अखरोट

कई विटामिन और पोषक तत्वों से भरा अखरोट ओमेगा 3 का ही नहीं, बल्कि प्रोटीन और डायटरी फाइबर का भी अच्छा स्रोत है। इसमें मैंगनीज, कॉपर, फॉसफोरस और मैंगनीशियम पाए जाते हैं। हृदय संबंधी परेशानियों में भी एक मुट्ठी अखरोट खा सकते हैं।

बेरी

बेरी न केवल एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स का अच्छा स्रोत है, बल्कि इसमें ओमेगा 3 पाया जाता है। ब्लूबेरी में 174 मिलीग्राम ओमेगा 3 पाया जाता है।

राई का तेल

राई में सैचुरेटेड फैट कम होता है और इसमें ओमेगा 6 और ओमेगा 3, दोनों तरह के फैटी एसिड पाए जाते हैं। अन्य तेलों में सोयाबीन, अखरोट, अलसी का तेल भी फायदेमंद है। दिन भर में 3 से 4 चम्मच से ज्यादा न लें। 


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