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Prajwal Revanna Case: 'प्रज्वल के खिलाफ कोई भी पीड़िता नहीं पहुंची शिकायत दर्ज कराने', महिला आयोग के सामने आए कई महत्वपूर्ण निष्कर्ष

महिला आयोग ने गुरुवार को संबंधित अधिकारियों द्वारा समय पर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) प्रस्तुत करने से कई महत्वपूर्ण निष्कर्ष सामने आए हैं। इसने कहा कि मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआइटी) समिति का गठन किया गया है। वहीं जदएस ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत को ज्ञापन सौंपकर प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों की सीबीआइ जांच की सिफारिश करने की मांग की।

By Agency Edited By: Babli Kumari Published: Thu, 09 May 2024 11:45 PM (IST)Updated: Thu, 09 May 2024 11:45 PM (IST)
कर्नाटक के सांसद प्रज्वल रेवन्ना (फाइल फोटो)

पीटीआई, नई दिल्ली। कर्नाटक के सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) में शिकायत दर्ज कराने के लिए कोई भी पीड़िता आगे नहीं आई। एक महिला शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसे जदएस नेता के खिलाफ फर्जी शिकायत दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया था।

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महिला आयोग ने गुरुवार को संबंधित अधिकारियों द्वारा समय पर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) प्रस्तुत करने से कई महत्वपूर्ण निष्कर्ष सामने आए हैं। इसने कहा कि मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआइटी) समिति का गठन किया गया है।

सीबीआइ जांच की सिफारिश करने की हुई मांग

वहीं, जदएस ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत को ज्ञापन सौंपकर प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों की सीबीआइ जांच की सिफारिश करने की मांग की। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली पार्टी ने दावा किया कि मामले की जांच कर रही एसआइटी से निष्पक्ष जांच की उम्मीद करना असंभव है, क्योंकि यह राज्य सरकार द्वारा प्रभावित और गुमराह किया जा रहा है।

तीन हजार वीडियो के प्रसार के पीछे मास्टरमाइंड

पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में पार्टी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उप मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार प्रज्वल द्वारा कथित तौर पर कई महिलाओं का यौन शोषण करने के लगभग तीन हजार वीडियो के प्रसार के पीछे मास्टरमाइंड हैं। उन्होंने राज्यपाल से अनुरोध किया कि वे मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को उप मुख्यमंत्री को कैबिनेट से हटाने की सलाह दें।

सुनवाई 13 मई तक के लिए स्थगित

वहीं, बेंगलुरु की की विशेष अदालत ने अपहरण के मामले में जदएस विधायक एचडी रेवन्ना की जमानत याचिका पर सुनवाई 13 मई तक के लिए स्थगित कर दी। राष्ट्रीय महिला आयोग ने प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े कथित अश्लील वीडियो मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की। एनसीडब्ल्यू ने एक बयान में कहा कि हालिया घटनाक्रम ने उसे तेज और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया है। एनसीडब्ल्यू ने राज्य के डीजीपी को पत्र लिखकर मामले में तीन दिनों के भीतर तत्काल कार्रवाई और जवाबदेही तय करने का आग्रह किया है।

एसआइटी नहीं कर रही है निष्पक्ष जांच

कुमारस्वामीजदएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ जांच कर रही एसआइटी रास्ते से भटक रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा वह चाहते हैं कि दोषियों को कानून के अनुसार सजा मिले, उन्होंने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा गठित एसआइटी की जांच की प्रगति पर सवाल उठाए। कुमारस्वामी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि मुझे हर रोज आप सभी को संबोधित करना पड़ रहा है। कुछ सरकारी अधिकारियों के निर्णय और आदेश संदिग्ध हैं। उन्होंने कहा कि कानून से बड़ा कोई नहीं है। अगर किसी ने गलत किया है तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी।

महिला के अपहरण के मामले में चार और लोग हिरासत में

प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन शोषण के मामलों की जांच के लिए एसआइटी ने एक महिला के अपहरण के मामले में चार और लोगों को हिरासत में लिया है। एसआइटी ने प्रज्वल के पिता और होलेनरसीपुरा के विधायक एच डी रेवन्ना को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है, जो परप्पाना अग्रहारा सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मामले में रेवन्ना की भूमिका का पता लगाने के लिए चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। ये चारों मैसूरु के कृष्णराजनगर के रहने वाले हैं।

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