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बिजली संकट: केंद्र ने राज्यों से गैर-आवंटित बिजली के इस्तेमाल को कहा, बोला- ऊंचे दाम पर बाहर ना बेचें

Power Crisis कई राज्‍यों ने कहा है कि उनके पास कोयले का बहुत कम स्‍टॉक बचा है। ऐसे में कोयला आधारित थर्मल पॉवर प्‍लांट के लिए आपूर्ति को सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती है। जिसके बाद ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of Power) हरकत में आया है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 01:03 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 01:03 PM (IST)
बिजली संकट: केंद्र ने राज्यों से गैर-आवंटित बिजली के इस्तेमाल को कहा, बोला- ऊंचे दाम पर बाहर ना बेचें
बिजली संकट पर केंद्र की राज्यों को सलाह।(फोटो: फाइल)

नई दिल्ली, एएनआइ। Power Crisis, देश के कई राज्‍यों ने कोयले की कमी (Shortage of Coal) के चलते बिजली संकट (Electricity Problem) की बात कही है। कई राज्‍यों का कहना है कि उनके पास कोयले का बहुत कम स्‍टाक बचा है। ऐसे में कोयला आधारित थर्मल पावर प्‍लांट के लिए आपूर्ति को सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती है। जिसके बाद ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of Power) हरकत में आया है। ऊर्जा मंत्रालय ने राज्यों से गैर आवंटित बिजली के इस्तेमाल को कहा है औऱ साथ ही कहा कि ये बिजली वे बाहर ऊंचे दाम पर नहीं बेचें।

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ऊर्जा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से राज्य में अपने उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति के लिए बिना आवंटित बिजली का उपयोग करने को कहा है। केंद्र ने राज्यों ने कहा है कि गैर आवंटित बिजली का इस्तेमाल लोड शेडिंग लागू करने या इसे बहुत ज़्यादा कीमत में बेचने में ना करें। केंद्र सरकार की ओर से ये बयान कुछ राज्यों में कोयले की कमी के कारण संभावित बिजली संकट की खबरों के बीच आया है।

ऊर्जा मंत्रालय ने एक ज्ञापन में कहा गया कि विद्युत मंत्रालय के संज्ञान में लाया गया है कि कुछ राज्य अपने उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति नहीं कर रहे हैं और लोड शेडिंग लगा रहे हैं। साथ ही, वे पावर एक्सचेंज में ऊंची कीमत पर बिजली बेच रहे हैं। बिजली मंत्रालय ने अपने ज्ञापन में कहा कि इसलिए राज्यों से राज्य के उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति के लिए गैर आवंटित बिजली का उपयोग करने का अनुरोध किया गया है।

बिजली के आवंटन के दिशा-निर्देशों के अनुसार, केंद्रीय उत्पादन स्टेशनों (सीजीएस) से 15% बिजली "गैर आवंटित बिजली" के तहत रखी जाती है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा उपभोक्ताओं की बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए जरूरतमंद राज्यों को आवंटित किया जाता है। देश भर के कुछ मुख्यमंत्रियों ने बिजली उत्पादन संयंत्रों में कोयले की कमी के कारण अपने-अपने राज्यों में उत्पन्न होने वाले बिजली संकट को हरी झंडी दिखाई है। इन राज्यों में दिल्ली, पंजाब और छत्तीसगढ़ शामिल हैं।


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