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यूपी में बिजली संकट, गुस्से से उबला बेहाल प्रदेश

प्रचंड गर्मी और ऊपर से बिजली कटौती। पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा है जबकि उधर पारा चढ़ने के साथ पटरी से उतरी प्रदेश की बिजली आपूर्ति चरमरा उठी है। गुस्सा सड़क पर दिखने लगा है और यही हालात रहे तो कानून व्यवस्था के लिए बिजली चुनौती बन सकती है।

By Edited By: Published: Sun, 08 Jun 2014 05:51 AM (IST)Updated: Sun, 08 Jun 2014 07:28 AM (IST)
यूपी में बिजली संकट, गुस्से से उबला बेहाल प्रदेश

लखनऊ [जेएनएन]। प्रचंड गर्मी और ऊपर से बिजली कटौती। पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा है जबकि उधर पारा चढ़ने के साथ पटरी से उतरी प्रदेश की बिजली आपूर्ति चरमरा उठी है। गुस्सा सड़क पर दिखने लगा है और यही हालात रहे तो कानून व्यवस्था के लिए बिजली चुनौती बन सकती है।

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पहले बात राजधानी लखनऊ की जहां वितरण ट्रांसफार्मर ही नहीं, पारेषण लाइनें भी बिगड़ने लगी हैं, जिससे लोगों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। आजिज लोगों ने शनिवार को कई उपकेंद्रों का घेराव कर प्रदर्शन किया। हंगामा कर फीडर बंद करने का प्रयास भी हुआ। इसके बावजूद शनिवार को पूरे दिन संकट बना रहा। फैजाबाद, अंबेडकरनगर और सुलतानपुर में मुश्किल से 10 घंटे बिजली मिल रही है। श्रावस्ती में रोस्टर के मुताबिक आपूर्ति नहीं है। श्रावस्ती में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक अधिशाषी अभियंता को निलंबित भी कर चुके हैं।

पूर्वाचल भी उबल रहा है। शनिवार को बलिया के रसड़ा में भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने चक्काजाम किया। जाम में फंसे कैबिनेट मंत्री अंबिका चौधरी ने सीएमडी से बातकर आपूर्ति का आश्वासन दिया तब जाकर जाम समाप्त हुआ। बलिया में समाजसेवियों ने रविवार से बेमियादी अनशन का एलान किया है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के गृह जिले चंदौली में भाजपा कार्यकर्ताओं ने डीएम का घेराव किया। जौनपुर में वकीलों ने कार्य बहिष्कार किया। गोरखपुर, बस्ती और देवरिया में भी गुस्सा बढ़ रहा है। इलाहाबाद में जबर्दस्त कटौती व बढ़ी दरों के विरोध में कांग्रेस ने ज्ञापन सौंपा। प्रतापगढ़ में व्यापारियों ने एसडीओ का घेराव कर चेतावनी दी कि राहत न मिली तो प्रदर्शन होगा।

बुंदेलखंड समेत सेंट्रल यूपी में बिजली व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। आपूर्ति तय रोस्टर से करने का दावा तो हो रहा है पर लोकल फाल्ट कोढ़ में खाज हैं। कानपुर नगर और कानपुर देहात में भीषण संकट है। भोगनीपुर में शुक्रवार रात सबस्टेशन में आक्रोशित ग्रामीणों ने तोड़फोड़ कर एसएसओ की पिटाई कर दी। पश्चिम यूपी के शहरों में दस से पंद्रह घंटे तक की कटौती है जबकि गांवों को महज तीन से छह घंटे बिजली मिल रही है। गाजियाबाद में ओवर लोडिंग से हर तीन घंटे पर दो से तीन घंटे की कटौती हो रही है। मेरठ में महज 15 घंटे और गांवों में चार से छह घंटे ही आपूर्ति है। बरेली और शाहजहांपुर में गुस्साए लोगों ने शनिवार को जमकर हंगामा किया। पीलीभीत में ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया तो सपा कार्यकर्ताओं ने भी एसडीओ का घेराव किया।

ओवरलोडिंग से पीली पोखर सब स्टेशन से जहां ताजनगरी आगरा में पांच से छह घंटे की कटौती हुई, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 16 से 18 घंटे का कट लोगों ने झेला। मंडल के अन्य जिलों में भी हालात बदतर हैं, जिसे लेकर लोगों में गुस्सा है। आगरा में महिलाओं ने थाना हरीपर्वत का घेराव किया। मैनपुरी को सरकार ने 24 घंटे आपूर्ति का तोहफा दिया था, जो अफसरों की मनमानी से कागजों पर सिमट गया है। फाल्ट के नाम पर 5 से 10 घंटे कटौती हो रही है। अलीगढ़ में पांच से छह घंटे की कटौती है।

सुनिश्चित करें आपूर्ति : मुख्य सचिव

बिजली कटौती को लेकर मची हाय-तौबा को देखते हुए मुख्य सचिव आलोक रंजन अब खुद स्थिति पर नजर रखेंगे। शनिवार को उन्होंने ऊर्जा महकमे के वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक कर तय शेड्यूल से आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। यदि लापरवाही से बिजली गुल हुई तो अधिशासी अभियंता तक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। बिजली चोरी पर अंकुश लगाने को विशेष अभियान चलाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने अफसरों को निर्देश दिया कि शहरों में बिजली चोरी रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। शहरों के खराब ट्रांसफार्मर 24 घंटे और गांव के 72 में अवश्य बदला जाए। जिन क्षेत्रों में बिजली कर्मियों की लापरवाही से आपूर्ति बाधित हो उन कर्मियों को चिन्हित करने के साथ अधिशासी अभियंताओं के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाए। वह अब प्रत्येक शनिवार को बिजली आपूर्ति के संबंध में बैठक करेंगे। मुख्य सचिव ने ऐसे लापरवाह अवर से लेकर सहायक, अधिशासी, अधीक्षण तथा मुख्य अभियन्ता तक को तत्काल हटाने के निर्देश दिए जो बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कराने, विद्युत राजस्व की वसूली तथा बिजली चोरी रोकने में विफल हो रहे हैं। अभियन्ताओं की जिम्मेदारी नियत कर समय-सीमा तय की जाए। तय अवधि में कनेक्शन अवश्य उपलब्ध कराया जाए। इसमें अभियंताओं की जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाए।

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