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चुनावों में 65 साल से ज्यादा के वोटरों को पोस्टल बैलट की सुविधा नहीं, सरकार ने दी जानकारी

चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा और अन्य उपचुनावों में 65 साल से अधिक उम्र के वोटरों को पोस्टर बैलट की सुविधा नहीं देने का फैसला किया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 12:35 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 12:35 PM (IST)
चुनावों में 65 साल से ज्यादा के वोटरों को पोस्टल बैलट की सुविधा नहीं, सरकार ने दी जानकारी
चुनावों में 65 साल से ज्यादा के वोटरों को पोस्टल बैलट की सुविधा नहीं, सरकार ने दी जानकारी

नई दिल्ली, प्रेट्र। चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा और अन्य उपचुनावों में 65 साल से अधिक उम्र के वोटरों को पोस्टर बैलट की सुविधा नहीं देने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में यह जानकारी दी।

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लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि यह फैसला कोविड-19 के लिए साजो-सामान, मानव संसाधन और सेफ्टी प्रोटोकॉल से जुड़ी मुश्किलों के मद्देनजर लिया गया है।

उन्होंने कहा, '65 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों की सुरक्षा के मद्देनजर आयुसीमा घटाने के लिए द कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स, 1961 को संशोधित किया गया था। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा-169 के तहत 19 जून, 2020 को इसकी अधिसूचना जारी की गई थी। इसमें राज्य सरकारों के साथ परामर्श की बाध्यता नहीं है।' रविशंकर ने कहा कि इसके बाद ही चुनाव आयोग ने अधिनियम की धारा-60(सी) के तहत अधिसूचना जारी नहीं करने का फैसला लिया है।

गौरतलब है कि बिहार में जल्‍द विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उम्‍मीद है कि इसकी घोषणा जल्‍द होगी। चुनाव आयोग की घोषणा के अनुसार, नवंबर में चुनाव होने की उम्‍मीद है। इसके अलावा मध्‍य प्रदेश की 28 सीटों सहित कई राज्‍यों में उपचुनाव होंगे। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण चुनाव की प्रक्रिया में बदलाव की उम्‍मीद है।    

कोरोना वायरस महामारी के दौरान चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने पिछले दिनों विस्तृत दिशा- निर्देश जारी कर दिए। इसके मुताबिक कुछ मानकों के साथ रैलियों और घर-घर प्रचार की अनुमति प्रदान कर दी गई। इसके अलावा मतदान के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के बटन दबाने के लिए वोटरों को ग्लव्स (दस्ताने) उपलब्ध कराए जाएंगे जो संभवत: डिस्पोजेबल होंगे।

मतदाताओं की होगी थर्मल स्क्रीनिंग

मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की थर्मल स्क्रीनिंग भी की जाएगी और क्वारंटाइन में रह रहे कोविड-19 मरीजों को आखिरी घंटे में मतदान की अनुमति होगी। महामारी के इस दौर में बिहार पहला राज्य होगा जहां विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। इसके पहले मध्य प्रदेश में दो दर्जन से ज्यादा सीटों पर उपचुनाव भी होने हैं।

एक मतदान केंद्र में एक हजार मतदाता

चुनाव आयोग के मुताबिक, अधिसूचित कंटेनमेंट जोन में रहने वाले मतदाताओं के लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। शुक्रवार को जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक मतदान केंद्रों का अनिवार्य रूप से सैनिटाइजेशन किया जाएगा जो मतदान से एक दिन पहले होगा। हर मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार पर चुनावकर्मी या पैरा-मेडिकल स्टाफ मतदाताओं की थर्मल स्क्रीनिंग करेंगे। एक मतदान केंद्र में 1,500 के स्थान पर अधिकतम एक हजार मतदाता ही होंगे।  


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