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Positive India: संकट की घड़ी में मदद के पैकेट से जल रहा जरूरतमंदों के घरों का चूल्हा

Positive India कोरोना से लडऩे के लिए लॉक डाउन में मदद करने वाले हाथ बढ़ रहे हैं। रतनपुर कलां गांव के युवा संकट की घड़ी में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए किस तरह बन गए मसीहा।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 02 Apr 2020 11:44 AM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2020 11:45 AM (IST)
Positive India: संकट की घड़ी में मदद के पैकेट से जल रहा जरूरतमंदों के घरों का चूल्हा
Positive India: संकट की घड़ी में मदद के पैकेट से जल रहा जरूरतमंदों के घरों का चूल्हा

शाहजेब शेरी, मुरादाबाद। Positive India: कोरोना से लडऩे के लिए लॉक डाउन में मदद करने वाले हाथ बढ़ रहे हैं। मुरादाबाद, उप्र के गांव रतनपुर कलां में अनेक युवा संकट की घड़ी में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए जिस तरह मसीहा बन गए हैं, वह अनुकरणीय है। यह सिलसिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद ही शुरू हो गया था। गांव के युवाओं ने तय किया कि गरीब परिवारों को संकट की इस घड़ी में मदद पहुंचाने का जिम्मा उठाएंगे। उन्होंने सूझबूझ के साथ योजना बनाई। चीजें जुटाईं और मदद का पैकेट तैयार कर चुपके से दरवाजा खटखटाकर जो घर में मिला, उसको सौंपकर आगे बढ़ गए।

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हर दिन 350 घरों को मिलजुलकर पहुंचा रहे राशन : अब हर दिन गांव में 350 पैकेट्स पहुंचाते हैं। युवाओं की टीम के इस कदम की जमकर सराहना हो रही है।मुरादाबाद जिले से लगभग 15 किमी दूर हाईवे से सटे पाकबड़ा के गांव रतनपुर कलां में मोबाइल की दुकान चलाने वाले मुहम्मद आरिफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जरूरतमंदों के लिए अपील पर प्रभावित हुए। अपने मन की बात दोस्तों के साथ शेयर की। शारीरिक दूरी बनाते हुए बैठक की और योजना तैयार की गई। ऐसे लोगों की लिस्ट को फाइनल किया गया, जो प्रतिदिन मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं।

350 लोगों की लिस्ट को फाइनल किया गया। इसके बाद गांव के ही थोक विक्रेता के मोबाइल एप पर धनराशि भेज दी गई, शर्त के मुताबिक राशन के पैकेट बनकर आ गए। घरों में राशन पंहुचा दिया गया। पैकेट में आटा, दाल, चावल आदि मिलने पर बुझ चुके चूल्हे जलने लगे। गांव के युवाओं के इस कदम की क्षेत्र में तारीफ हो रही है। दूसरे गांव प्रेरणा ले रहे हैं।

आरिफ बताते है कि लॉक डाउन की वजह से परेशानी तो पूरे देश को है। हमने सोचा कि इसे अपने स्तर पर कुछ कम किया जाए। उसके बाद हमने ऐसे घरों की तलाश की, जिनको राशन की बहुत जरूरत थी। 30 युवाओं की टीम अब इन घरों को राशन पहुंचा रही है। शुक्रवार पैकेट में एक या दो-तीन दिन का राशन होता है। युवा टीम की अगुआई करने वालों में आसिफ, मुईन, समीर, रजा इलाही, माजिद, अब्दुल शामिल हैं। सभी मिलजुल चंदा जुटाते हैं, वह भी एप पर।

एक घर के लिये राशन का पैकेट : 5 किग्रा आटा, 5 किग्रा चावल, 3 किग्रा दाल, 3 किग्रा चीनी, तीन किग्रा प्याज, तीन किलो आलू, एक लीटर तेल, दो साबुन, 20 रुपये का सर्फ का पैकेट, नमक की थैली शामिल है।


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