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पोप फ्रांसिस ने नन मरियम को दी संत की उपाधि, जानिए-इनके बारे में

सिस्टर मरियम की तुलना मदर टेरेसा से की जाती है उन्होंने होली फैमिली नाम की एक धर्मसभा की स्थापना की थी। सिस्टर मरियम की मत्यु के 93 साल बाद संत की उपाधि दी जा गई है।

By Neel RajputEdited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 01:37 PM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 03:19 PM (IST)
पोप फ्रांसिस ने नन मरियम को दी संत की उपाधि, जानिए-इनके बारे में
पोप फ्रांसिस ने नन मरियम को दी संत की उपाधि, जानिए-इनके बारे में

कोच्चि, जेएनएन। वेटिकन सिटी में रविवार को पोप फ्रांसिस केरल की नन मरियम थ्रेसिया को संत की उपाधि से नवाजा गया है। इस मौके पर कैथोलिक चर्चों में लोगों का जमावड़ा नजर आ रहा है। नन मरियम थ्रेसिया को मिली इस उपाधि को लेकर लोगों में खासा उत्साह दिख रहा है। सिस्टर मरियम की तुलना मदर टेरेसा से की जाती है, उन्होंने होली फैमिली नाम की एक धर्मसभा की स्थापना की थी। सिस्टर मरियम की मत्यु के 93 साल बाद यह उपाधि दी जा गई है।

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सिस्टर मरियम का जन्म केरल के त्रिशूर जिले के पुथेनचिरा में हुआ था। उन्होंने होली फैमिली नाम की एक धर्मसभा की स्थापना की इसके अलावा उन्होंने हॉस्टल, अनाथालयों, स्कूल और कॉन्वेंट बनवाए और उनका संचालन किया। उनके द्वारा समाज के लिए किए गए इन कामों के लिए पोप फ्रांसिस ने वेटिकन सिटी के सेंट पीयर्स स्क्वेयर में आज संत की उपाधि दी है।

नन मरियम का जन्म 26 अप्रैल, 1876 को केरल के त्रिशूर जिले में हुआ था और सिर्फ 50 साल की उम्र में 08 जून, 1926 को उनका देहांत हो गया था। अब उनकी मत्यु के 93 साल बाद उनको संत की उपाधि से नवाजा जा गया है। उनको यह उपाधि उनके द्वारा महिलाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए किए गए कामों के लिए दी जा रही है। इससे पहले उनके सूबे के तीन लोगों को संत की उपाधि दी जा चुकी है।

सिस्टर मरियम के अलावा चार अन्य लोगों को भी पोप फ्रांसिस ने संत की उपाधि दी है। नन मरियम काफी कम उम्र में ईश्वर से जुड़ गई थीं। उन्होंने सिर्फ आठ साल की उम्र में खुद को ईश्वर को समर्पित कर दिया था और व्रत रखना एवं प्रार्थना में करने लगी थीं। उन्होंने गरीबों और कुष्ठ रोगियों और चेचक से पीड़ित लोगों की काफी सेवा की। उनको बचपन से ही उनके दोस्त संत कहकर बुलाते थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नन मरियम को दी जा रही संत की उपाधि का जिक्र अपने कार्यक्रम 'मन की बात' के दौरान किया था। उन्होंने कहा था कि भारत ऐसे असाधारण लोगों की जन्मभूमि और कर्मभूमि रहा है जो अपने लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए जीते हैं और उनके लिए काम करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि पोप फ्रांसिस मरियम थ्रेसिया को संत की उपाधि देंगे जो पूरे भारत के लिए गर्व की बात है।

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