Move to Jagran APP

एमपी के छह शहरों में खुलेंगे पॉलीक्लीनिक, विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं मिलेंगी

भोपाल समेत इंदौर ग्वालियर जबलपुर रीवा और उज्जैन में दो--दो पॉलीक्लीनिक शुरू करने की तैयारी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की तरफ से वित्त विभाग को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा गया है। यह क्लीनिक शुरू होने के बाद ब़़डे अस्पतालों में मरीजों का दबाव कम होगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 11:08 PM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 11:08 PM (IST)
एमपी के छह शहरों में खुलेंगे पॉलीक्लीनिक, विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं मिलेंगी
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की तरफ से पॉलीक्लीनिक शुरू करने की तैयारी

 भोपाल, राज्‍य ब्‍यूरो। प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और उज्जैन में दो--दो पॉलीक्लीनिक शुरू करने की तैयारी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की तरफ से वित्त विभाग को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा गया है। यह क्लीनिक शुरू होने के बाद ब़़डे अस्पतालों में मरीजों का दबाव कम होगा। पॉलीक्लीनिक में मरीजों को विशेषषज्ञों की सेवाएं मिल सकेंगी। क्लीनिक में शिशु रोग विशेषषज्ञ, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषषज्ञ, मेडिसिन विशेषषज्ञ और डेंटिस्ट को पदस्थ किया जाएगा। डिस्पेंसरी में पहले से पदस्थ एक चिकित्सा अधिकारी के अलावा फार्मासिस्ट, नेत्र सहायक, स्टाफ नर्स और सफाईकर्मी की तैनाती की जाएगी।

loksabha election banner

भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और उज्जैन में दो-दो पॉलीक्लीनिक खोलने की तैयारी 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों ने बताया कि यह क्लीनिक उन जगहों पर खोले जाएंगे, जहां पास में कोई बड़ा अस्पताल नहीं है। यह भी देखा जाएगा कि उस क्षेत्र से मरीजों की संख्या अन्य जगह के मुकाबले ज्यादा हो। क्लीनिक में सिर्फ ओपीडी संबंधी सुविधाएं मिलेंगी। इसके अलावा करीब 24 तरह की जांच सुविधाएं व 120 तरह की दवाएं भी निश्शुल्क मिलेंगी। क्लीनिक का समय सुबह नौ से शाम पांच बजे तक होगा।

तीन--तीन उप शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी खुलेंगे

इन्हीं शहरों में तीन--तीन उप शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी खोलने का प्रस्ताव है। हर केंद्र में एक चिकित्सा अधिकारी, एक नर्स और एक सफाई कर्मचारी का पद होगा। यह स्वास्थ्य केंद्र नए बनाए जाएंगे। साधारण बीमारियों का इलाज मरीजों को उनके घर के पास ही मिल सके और ब़़डे अस्पतालों में सामान्य बीमारी वाले मरीजों का दबाव कम हो, इसलिए ये केंद्र खोलने की तैयारी है।

किस अस्पताल में क्या सुविधाएं

संजीवनी क्लीनिक : प्रदेश की शहरी बस्तियों में संजीवनी क्लीनिक खोले गए हैं, जिनकी संख्या 40 है। यहां संविदा में एक चिकित्सक, दो स्टाफ नर्स, एक बहुउद्देशीय कार्यकर्ता व एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी होता है। समय सुबह 10 से 5 बजे तक है। 24 तरह की जांचों और 120 तरह की दवाओं की सुविधा रहती है।

सिविल डिस्पेंसरी : इनका समय सुबह नौ से शाम पांच बजे तक है। प्रदेश में 62 सिविल डिस्पेंसरी हैं। इनमें एक नियमित चिकित्सा अधिकारी, नर्स, फार्मासिस्ट व अन्य स्टाफ रहता है। जांच व दवाएं संजीवनी क्लीनिक से कम हैं। 

शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र : यह केंद्र भी शहरी बस्तियों के पास खोले गए हैं। ओपीडी का समय सुबह शाम नौ से पांच बजे तक है। यहां एक चिकित्सा अधिकारी, दो स्टाफ नर्स व अन्य सहयोगी कर्मचारियों को संविदा पर पदस्थ किया जाता है।

भोपाल में अतिरिक्त मिशन संचालक (एएचएम) डा. सलोनी सिडाना ने कहा कि पॉलीक्लीनिक और उप शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने का प्रस्ताव है। इनके खुलने से मरीजों को उनके घर के नजदीक सेवाएं मिल सकेंगी। साथ ही बड़े अस्पतालों में मरीजों का दबाव कम होगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.