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स्वच्छ भारत की बदौलत घट रहा भूजल में प्रदूषण, अंतरराष्ट्रीय एजेंसी की रिपोर्ट में दावा

स्वच्छ भारत की बदौलत भूजल समेत सभी प्राकृतिक संसाधनों में प्रदूषण का स्तर घटने लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों के खुले में शौच मुक्त होने का नतीजा उत्साहजनक रहा है।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 08:37 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 08:37 PM (IST)
स्वच्छ भारत की बदौलत घट रहा भूजल में प्रदूषण, अंतरराष्ट्रीय एजेंसी की रिपोर्ट में दावा
स्वच्छ भारत की बदौलत घट रहा भूजल में प्रदूषण, अंतरराष्ट्रीय एजेंसी की रिपोर्ट में दावा

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। स्वच्छ भारत की बदौलत भूजल समेत सभी प्राकृतिक संसाधनों में प्रदूषण का स्तर घटने लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों के खुले में शौच मुक्त होने का नतीजा उत्साहजनक रहा है। इससे न सिर्फ लोगों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है, बल्कि लाखों लोगों की जान बचाने में सफलता मिली है। यूनिसेफ समेत कई एजेंसियों की अध्ययन रिपोर्ट में इसका विस्तार से जिक्र है। यूनिसेफ के अध्ययन में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के पर्यावरणीय प्रभाव और उनकी कम्युनिकेशन के प्रभावों का मूल्यांकन किया गया है।

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यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वच्छ भारत मिशन का असल प्रभाव प्राकृतिक संसाधनों पर पड़ा है। इसमें दूषित होते भूजल के स्तर में सुधार हुआ है, वहीं सतही जल का प्रदूषण भी घट रहा है। नित प्रदूषित होती मिट्टी और वायु सहित पर्यावरण के सभी पहलुओं पर इसका सकारात्मक प्रभाव दिखा है। खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों के स्वास्थ्य में सुधार आया है। गंदगी और दूषित जल से उत्पन्न होने वाली बीमारियों पर अंकुश लगा है।

देश में ग्रामीण स्वच्छता कवरेज शत प्रतिशत पहुंच चुका है। स्वच्छता मिशन अपने अंतिम चरण में हैं। 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर लिया है। मिशन अब इस प्रगति के फायदे को निरंतर बनाए रखने और ओडीएफ-प्लस को गति देने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसमें ठोस और गीले कूड़े का प्रबंधन शामिल है।

केंद्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भूजल के प्रदूषण में कमी पूरा श्रेय स्वच्छ भारत को जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2018 की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया था कि भारत के ओडीएफ हो जाने से तीन लाख से अधिक लोगों की जिंदगी बचाने में सफलता मिली है। गेट्स फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वच्छ भारत अभियान के तहत लोगों को जागरुक करने और स्वच्छता के प्रति आदतों में बदलाव के लिए 23 हजार करोड़ रुपये का उपयोग किया गया है।


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