Pollachi Harrasment Case: 50 छात्राओं के यौन उत्पीड़न मामले में एक आरोपी ने किया सरेंडर
तमिलनाडु के पोलाची (Pollachi Harrasment Case) में 50 से ज्यादा छात्राओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी मणि ने केंद्रीय जांच ब्यरो (CBI) के समक्ष सरेंडर कर दिया है।
चेन्नई, एएनआइ। तमिलनाडु के पोलाची (Pollachi Harrasment Case) में 50 से ज्यादा छात्राओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी मणि ने केंद्रीय जांच ब्यरो (CBI) के समक्ष सरेंडर कर दिया है। जानकारी अनुसार इस आरोपी को 20 मई तक न्यायिक हिरासत में रखा जाएगा। इस मामले में राज्य पुलिस पहले ही चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
#UPDATE CBI clarifies that accused Mani had surrendered after the agency took over the case for investigation. https://t.co/tNwsRVJp4v" rel="nofollow
— ANI (@ANI) May 13, 2019
पोलाची यौन उत्पीड़न केस
तमिलनाडु के पोलाची में 50 लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। कोयंबटूर के पोलाची में चार युवकों के एक ऐसे गैंग का खुलासा हुआ है, जो कॉलेज की लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न करते थे। वो सिर्फ यौन उत्पीड़न ही नहीं करते थे, बल्कि उनका वीडियो बनाकर वायरल भी करते थे।
50 से ज्यादा लड़कियों का हुआ था शोषण
बात तब सामने आया जब एक लड़की के उत्पीड़न के मामले में 4 युवकों को गिरफ्तार किया गया। युवकों से पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ है कि वे अब तक करीबन 50 वारदात अंजाम दे चुके हैं। इस घटना को 12 फरवरी को अंजाम दिया गया था। जब मामला मीडिया में आया तो पुलिस ने तेजी से कार्रवाई शुरू की। बताया जा रहा है कि युवक लड़कियों को अपने जाल में फंसाने के लिए फेसबुक का इस्तेमाल किया करते थे।
नेता का नाम भी आया सामने
यह मामला सियासी रंग तब पकड़ लिया जब एआईएडीएमके के एक सदस्य का नाम सामने आया। इसके बाद से मामला विपक्षी दलों के निशाने पर आ गया। डीएमके नेता और राज्यसभा सांसद कनिमोझी ने 13 मार्च को इस मामले को लेकर गिरफ्तारी दी। कनिमोझी ने 2012 से लेकर अब तक लड़कियों द्वारा आत्महत्या के सभी मामलों की जांच की मांग की है। इसके बाद एआईएडीएमके ने अपने आरोपित सदस्य को पार्टी से निकाल दिया है।
पुलिस पर पीड़िताओं की पहचान उजागर करने का आरोप
पोलाची यौन उत्पीड़न केस पुलिस के उपर पीड़िताओं की पहचान उजागर करने का आरोप लगा है। डीएमके नेता कनिमोझी ने पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। इस मामले में कोयंबटूर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) आर. पंडियाराजन के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। वहीं विपक्ष द्वारा इस मसले को जोर-शोर से उठाने के बाद सरकार ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने का आदेश दे दिया है।
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