राजनीतिक दलों को हर साल दाखिल करना होगा नो ड्यूस सर्टिफिकेट
चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक, किसी विशेष वित्तीय वर्ष की रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम समय सीमा अगले वर्ष की 30 जून होगी।
नई दिल्ली, प्रेट्र : सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और प्रदेश स्तरीय दलों को अब हर साल चुनाव आयोग के समक्ष एक रिपोर्ट (नो ड्यूस सर्टिफिकेट) दाखिल करनी होगी जिसमें उन्हें इस बात की घोषणा करनी होगी कि उन पर सरकारी परिसरों के किराये, टेलीफोन, बिजली और पानी का कोई बिल बकाया नहीं है।
हालांकि चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट नहीं किया कि अगर पार्टियां यह रिपोर्ट दाखिल करने में असफल रहीं तो उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी।
चुनाव आयोग ने यह निर्देश दिल्ली हाई कोर्ट के जुलाई 2015 के आदेश के परिप्रेक्ष्य में जारी किया है। इसमें हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से इस संभावना पर विचार करने के लिए कहा था कि चुनावों में प्रत्याशी खड़े करने वाले राजनीतिक दलों के लिए इस बात का हलफनामा दाखिल करना अनिवार्य कर दिया जाए कि उन पर बिजली, पानी, टेलीफोन या अन्य कोई सरकारी बिल बकाया नहीं है।
चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक, किसी विशेष वित्तीय वर्ष की रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम समय सीमा अगले वर्ष की 30 जून होगी।
इस बाबत पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बताया कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में कुछ प्रत्याशी अपना नामांकन दाखिल नहीं कर पाए थे क्योंकि उन्होंने 'नो ड्यूस सर्टिफिकेट' दाखिल नहीं किए थे। बता दें कि देश में मान्यता प्राप्त कुल सात राष्ट्रीय दल और 48 प्रदेश स्तरीय दल हैं।
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