असम हिंसा पर सियासी गोलाबारी
असम में दंगों की आग अभी भड़कती ही जा रही है और यहां दिल्ली में लाशों पर सियासत होने लगी है। शनिवार को असम के बक्सा जिले में नौ और शव मिले हैं। इस तरह से अब तक कुल 33 लोगों की जानें जा चुकी हैं। इस हिंसा के बीच प्रभावित इलाकों में सेना को रवाना करते हुए असम सरकार ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए हैं। वहीं, दिल्ली से लेकर कश्मीर तक सियासी गोलाबारी शुरू हो गई है। कानून मंत्री कपिल सिब्बल और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने असम की हिंसा के लिए सीधे भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहरा दिया है। भाजपा ने इन बयानों को बेतुका और गैरजिम्मेदार बताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर प्रहार किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। असम में दंगों की आग अभी भड़कती ही जा रही है और यहां दिल्ली में लाशों पर सियासत होने लगी है। शनिवार को असम के बक्सा जिले में नौ और शव मिले हैं। इस तरह से अब तक कुल 33 लोगों की जानें जा चुकी हैं। इस हिंसा के बीच प्रभावित इलाकों में सेना को रवाना करते हुए असम सरकार ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए हैं। वहीं, दिल्ली से लेकर कश्मीर तक सियासी गोलाबारी शुरू हो गई है। कानून मंत्री कपिल सिब्बल और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने असम की हिंसा के लिए सीधे भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहरा दिया है। भाजपा ने इन बयानों को बेतुका और गैरजिम्मेदार बताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर प्रहार किया है।
हिंसा पर सियासी बयानबाजी की शुरुआत की केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने। सिब्बल ने आरोप लगाया कि मोदी की वजह से ही देश का माहौल खराब हुआ है और असम में हुई हिंसा उसी का नतीजा है। सिब्बल ने इसी कड़ी में आगे जोड़ा कि ट्विटर पर भाजपा समर्थक पाकिस्तान और बांग्लादेश की तस्वीरें डालकर उन्हें देश का बता रहे हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं। सिब्बल के इस बयान के बाद बारामूला लोकसभा क्षेत्र के तंगमार्ग की चुनावी रैली में उमर ने मोदी को इन हत्याओं के जिम्मेदार ठहराया। उमर ने कहा कि 'असम में 30 मुसलमानों की हत्या कर दी गई है। .क्यों ? क्योंकि.नरेंद्र मोदी ने वहां एक भाषण दिया था और लोगों को मुसलमानों के खिलाफ भड़काया था। यह सच है। इस सच से इन्कार नहीं किया जा सकता है।'
जवाब में भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार है और इसके लिए वह खुद जिम्मेदार है। भाजपा महासचिव रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि पीएम मनमोहन सिंह असम से चुनकर संसद में आते हैं, उन्होंने असम के लिए क्या किया। इसके साथ ही प्रसाद ने सिब्बल के बयान को घटिया और बेबुनियाद बताया है।
मनमोहन-शिंदे ने फोन पर लिया जायजा
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने घटनाक्रम पर असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई से बात की, वहीं गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने फोन कर गोगोई से स्थिति का जायजा लिया व हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि केंद्र कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने और शांति बहाली के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा। पीएमओ ने कहा कि मनमोहन सिंह असम की स्थिति पर बराबर निगाह बनाए हुए हैं। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोकराझाड़ और बक्सा जिलों में हुए हमलों में लोगों के मारे जाने पर दुख प्रकट किया। सोनिया ने कहा कि भारत का स्वभाविक बहुलवाद कभी भी विभाजनकारी और हिंसक ताकतों को सफल नहीं होने देगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और समूचा देश हमले में मारे गए लोगों के परिवार के साथ खड़ा है।
मरने वालों में सभी बांग्लादेशी
राज्य सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक, उग्रवादी संगठन एनडीएफबी-एस के करीब 40 हथियारबंद लोगों ने तड़के कोकराझाड़ के बालापार गांव में कुछ घरों पर हमला कर दिया। इससे पहले गुरुवार देर रात पड़ोसी जिले बक्सा में उग्रवादियों ने हमला किया था। मरने वालों में सभी बांग्लादेशी मुसलमान हैं। उग्रवादियों ने अल्पसंख्यक समुदाय के 14 घरों को भी आग के हवाले कर दिया।
कठघरे में कांग्रेस का घटक
गुवाहाटी: कपिल सिब्बल भले ही असम का माहौल खराब करने के लिए मोदी पर दोष मढ़ रहे हों, लेकिन स्थानीय नेताओं के बयान दूसरी ही कहानी कह रहे हैं। वे कांग्रेस के घटक बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। कोकराझाड़ बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल( बीटीसी) का मुख्यालय है। इस कौंसिल की कमान बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के पास है। बीटीएफ असम में सत्तारूढ़ कांग्रेस का घटक है। 21 गैर बोडो संगठनों के एक समूह ने माहौल खराब करने का दोष बीपीएफ की विधायक प्रमिला रानी पर मढ़ा है। प्रमिला की ओर से 30 अप्रैल को मतदान के बाद कथित तौर पर यह बयान दिया गया कि कोकराझाड़ से उसके प्रत्याशी और असम सरकार में मंत्री चंदन ब्रह्मा को मुसलमानों के वोट न मिलने के कारण चुनाव जीतना मुश्किल हो सकता है। प्रमिला के इस बयान के बाद ही तनाव फैला। कांग्रेस नेता अब्दुल खलिक ने तो प्रमिला रानी की गिरफ्तारी की मांग भी की है।
'मोदी का मतलब 'मॉडल ऑफ डिवाइडिंग इंडिया' है। वह पीएम बनना चाहते हैं लेकिन गरिमा को बरकरार रखना और भाषा का इस्तेमाल एक निगम पार्षद भी उनसे बेहतर जानता है।'
- कपिल सिब्बल, कांग्रेस नेता
'तीन दिन पहले मोदी वहां गए और सभी मुसलमानों को बांग्लादेशी बता दिया और आज 30 मुसलमानों को कब्र में सुला दिया गया।'
- उमर अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री
'असम में जो कुछ हो रहा है, वह कांग्रेस की वोटबैंक राजनीति का नतीजा है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पिछले दस सालों में राज्य में कानून-व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए क्या किया।'
- रविशंकर प्रसाद, भाजपा महासचिव