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Madhya Pradesh : 10वीं के पेपर में गुलाम कश्मीर को बताया आजाद कश्‍मीर, बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मांगी र‍िपोर्ट

मध्य प्रदेश में बोर्ड की 10वीं कक्षा के एक पेपर में गुलाम कश्मीर यानी पीओके (Pakistan Occupied Kashmir PoK) को आजाद कश्मीर के रूप में लिखे जाने से सियासत गरमा गई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 07 Mar 2020 03:55 PM (IST)Updated: Sat, 07 Mar 2020 07:38 PM (IST)
Madhya Pradesh : 10वीं के पेपर में गुलाम कश्मीर को बताया आजाद कश्‍मीर, बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मांगी र‍िपोर्ट
Madhya Pradesh : 10वीं के पेपर में गुलाम कश्मीर को बताया आजाद कश्‍मीर, बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मांगी र‍िपोर्ट

भोपाल, एएनआइ। मध्य प्रदेश में राज्य बोर्ड की 10वीं के सामाजिक विज्ञान के प्रश्‍नपत्र में गुलाम कश्मीर यानी पीओके (Pakistan Occupied Kashmir, PoK) को आजाद कश्मीर के रूप में लिखे जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा ने इस मामले में कड़ी आपत्ति जताई है। वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights writes) ने भी मामले का संज्ञान लिया है। आयोग ने मध्‍य प्रदेश माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड को पत्र लिखकर इस मामले को आपराधिक कृत्य बताते हुए सात दिन के भीत एक्‍शन रिपोर्ट मांग ली है। 

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समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, आयोग ने मध्‍य प्रदेश माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि इस मामले की तुरंत जांच कराई जाए और जिम्‍मेदार व्‍यक्ति पर तुरंत कार्रवाई की जाए। वहीं मध्‍य प्रदेश सरकार भी इस मामले को लेकर हरकत में आ गई है। सीएम कमलनाथ की सरकार ने प्रश्‍न पत्र को सेट करने वाले और उसे मॉडरेट करने वाले दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। हालांकि, इन तमाम कवायदों के बावजूद मामला इतनी आसानी से थमता नजर नहीं आ रहा है। 

दरअसल, प्रश्‍नपत्र में पीओके को लेकर दो सवाल पूछे गए थे। दोनों ही सवालों में पीओके को आजाद कश्‍मीर कहा गया है। प्रश्‍न नंबर 4 में सही जोड़ी मिलान करने को कहा गया है और विकल्‍प में 'आजाद कश्‍मीर' का ऑप्शन दिया गया है। प्रश्‍न नंबर 26 में भारत के मानचित्र में 'आजाद कश्‍मीर' दर्शाने को कहा गया है। बता दें कि पाकिस्‍तान पीओके को 'आजाद कश्‍मीर' कहता है जबकि भारत में शुरू से इस हिस्‍से को गुलाम कश्‍मीर कहा जाता रहा है।  अक्‍सर पीओके से पाकिस्‍तानी सेना की बर्बरता की खबरें सामने आती हैं। 

इस पर्चे को लेकर छात्रों और लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई है। यही नहीं सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों में भी विवाद खड़ा हो गया है। विपक्षी भाजपा ने इन सवालों को लेकर सत्ताधारी पार्टी पर हमला बोला है। भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस पहले से ही अलगाववादी आंदोलनों का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन करती रही है। इसलिए ऐसे सवालों का पूछा जाना आश्‍चर्यचकित नहीं कर रहा है खास कर तब जबकी राज्‍य में कांग्रेस की सरकार है। भाजपा ने कहा कि इस तरह के सवाल निंदनीय हैं। 

रिपोर्टों में कहा गया है कि इन दोनों सवालों को लेकर परीक्षार्थी काफी असमंजस में दिखाई दिए। प्रश्‍न पत्र में प्रश्‍न संख्या 4 में 'सही जोड़ी मिलाइए' के जवाब में जो विकल्प दिए गए हैं, उसमें 'बहादुर शाह जफर' के आगे सूरत लिखा है... 'कांग्रेस का विभाजन' के आगे उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 'भारत-पाकिस्तान युद्ध' के आगे स्वर्ण आभूषण, कोपरा के आगे दिल्ली जबकि हॉलमार्क के आगे 'आजाद कश्मीर' का विकल्प दिया गया है। प्रश्‍न संख्या 26 में भारत के मानचित्र में 'आजाद कश्मीर' दिखाने को कहा गया था... अब परीक्षार्थियों ने इसे कहां दिखाया होगा यह तो परीक्षणों के मूल्‍यांकन से ही साफ हो पाएगा... या यूं कहें कि इसका जवाब तो पेपर बनाने वाले शिक्षक महोदय ही दे पाएंगे...?


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