PNB Scam: सुप्रीम कोर्ट ने पलटा पूर्व MD की संपत्ति जब्त करने का आदेश
PNB Scam सीबीआइ और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआइओ) इस मामले की जांच कर रहे हैं।इस मामले में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी मुख्य आरोपित हैं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने बैंक की पूर्व एमडी व सीईओ उषा अनंत सुब्रमणियन की संपत्तियों को जब्त करने का नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट टिब्यूनल (एनक्लैट) का आदेश पलट दिया है। एनक्लैट ने नीरव मोदी द्वारा किए गए घोटाले में उषा को एहतियाती दम नहीं उठाने का जिम्मेदार मानते हुए उनकी संपत्तियां जब्त करने का आदेश दिया था।
वरिष्ठ अधिवक्ताओं सीएस वैद्यनाथन व मीनाक्षी अरोड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में उषा का पक्ष रखते हुए कहा, कथित तौर पर घोटाला करने वाली कंपनी से संबंध नहीं रखने वाले व्यक्ति की संपत्ति जब्ती गलत है। कंपनी कानून-2013 में कोर्ट या टिब्यूनल को ऐसे व्यक्ति की संपत्तियां जब्त करने का अधिकार देने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। उनकी मुवक्किल को खाते से सिर्फ एक लाख रुपये महीना निकालने की अनुमति है। वह अपनी ही कमाई का इस्तेमाल करने में अक्षम हैं।
जस्टिस आरएफ नरीमन, एस. रवींद्र भट्ट और वी. रामसुब्रमणियन की पीठ ने दलील को सही मानते हुए एनक्लैट के जुलाई, 2019 के फैसले को पलट दिया। एनक्लैट से पहले नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) ने भी जनवरी, 2019 में उषा की संपत्ति जब्ती का आदेश सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलटी के आदेश को भी रद कर दिया। हालांकि स्पष्ट किया कि इस आदेश से घोटाले की जांच पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। फिलहाल सीबीआइ और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआइओ) इस मामले की जांच कर रहे हैं। इस मामले में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी मुख्य आरोपित हैं।
क्या है पीएनबी घोटाला ?
इस बैंक घोटाले को भारत के बैंकिग क्षेत्र का सबसे बड़ा घोटाला(करीब 11,400 करोड़) कहा जाता है। इस घोटाले के मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके चाचा मेहुल चौकसी हैं। बैंकों से 11 हज़ार करोड़ रुपए से ज्यादा की चपत लगाकर दोनों आरोपी विदेश फरार हो गए है। प्रवर्तन निदेशालय ने उनकी 5870 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली है।