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नीरव मोदी की जब्त संपत्तियों के मामले में कोर्ट पहुंचा पंजाब नेशनल बैंक, उठाई यह मांग

पीएनबी ने बुधवार को पीएमएलए से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत में कई आवेदन देकर भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की दो कंपनियों की जब्त संपत्ति पूर्व स्थिति में लाए जाने का आदेश देने की अपील की है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 15 Jul 2021 12:49 AM (IST)Updated: Thu, 15 Jul 2021 12:51 AM (IST)
नीरव मोदी की जब्त संपत्तियों के मामले में कोर्ट पहुंचा पंजाब नेशनल बैंक, उठाई यह मांग
पीएनबी ने नीरव मोदी की जब्त संपत्ति पूर्व स्थिति में लाए जाने का आदेश देने की अपील की है।

मुंबई, पीटीआइ। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने बुधवार को पीएमएलए से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत में कई आवेदन देकर भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की दो कंपनियों की जब्त संपत्ति पूर्व स्थिति में लाए जाने का आदेश देने की अपील की है। अदालत ने ईडी को मामले में 28 जुलाई को जवाब देने को कहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के तहत नीरव मोदी की 329.66 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है।

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इनमें नीरव के स्वामित्व वाली कंपनी फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड व फायरस्टार इंटरनेशनल लिमिटेड की संपत्ति शामिल हैं। मामले में अन्य लोगों के साथ नीरव मोदी और उसके रिश्तेदार मेहुल चोकसी मुख्य आरोपित हैं। ईडी मनी लांड्रिंग के आरोपों की जांच कर रही है। मामला 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा है।

इसे पीएनबी की मुंबई में ब्रैडी हाउस शाखा के बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर तथा गलत तरीके से गारंटी पत्र (लेटर आफ अंडरटेकिंग) जारी कर अंजाम दिया गया। नीरव मोदी (49) को पीएमएलए अदालत ने दिसंबर 2019 में आर्थ‍िक भगोड़ा घोषित किया था। इसके बाद अदालत ने ईडी को कानूनी प्रविधानों के तहत संपत्ति जब्त करने की अनुमति दे दी थी। वह मार्च 2019 में लंदन में गिरफ्तार होने के बाद फिलहाल ब्रिटेन की जेल में बंद है। उसे भारत लाए जाने के प्रयास जारी हैं।

हाल ही में नीरव मोदी ने लंदन के उच्च न्यायालय में भारत प्रत्यर्पण किए जाने के खिलाफ नई याचिका दाखिल की है। नीरव के खिलाफ पीएनबी से जुड़े दो अरब डॉलर के घोटाले के मामले में धनशोधन और धोखाधड़ी के आरोप में भारत में मुकद्दमा चलाया जाना है। सुनवाई में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश इस बात का निर्धारण करेंगे कि क्या गृह मंत्री के फैसले के खिलाफ याचिका देने का कोई आधार है या नहीं... 


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