पीएनबी घोटाला: जब्त हीरे-जवाहरात की कीमत आंकने का काम शुरू
विशेषज्ञ शुरुआत में जब्त हीरे-जवाहरात की कीमत ईडी की ओर लगाई कीमत से कहीं अधिक ठहरा रहे हैं।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की 5726 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का दावा कर रही ईडी ने अब इसकी असली कीमत का आकलन शुरू कर दिया है। इसके लिए बाकायदा कीमती सामान के मूल्य का आकलन करने वाले विशेषज्ञों को लगाया गया है। वहीं मनी लांड्रिंग के लिए इस्तेमाल की गई नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की मुखौटा कंपनियों पर छापेमारी शुरू हो गई है, जबकि सीबीआइ गिरफ्तार आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ में जुटी है।
कांग्रेस की ओर से जब्त संपत्ति की कीमत को लेकर सवाल उठाया गया था। 5726 करोड़ रुपये हीरे-जवारात की असली कीमत बहुत कम होने की आशंका को खारिज करते हुए ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारे आकलन से इनकी कीमत कहीं ज्यादा निकल सकती है। उन्होंने कहा कि बैंकों के लिए हीरे-जवाहरात की कीमत का आकलन करने वाले विशेषज्ञों को इस काम में लगा दिया गया है। विशेषज्ञ शुरुआत में जब्त हीरे-जवाहरात की कीमत ईडी की ओर लगाई कीमत से कहीं अधिक ठहरा रहे हैं। इसके अलावा ईडी की नजर नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की लगभग तीन दर्जन अचल संपत्तियों पर भी है। इन्हें जब्त करने की कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी।
मुखौटा कंपनियों पर छापा
घोटाले की आधी से अधिक रकम बरामद करने के बाद ईडी इसके लिए इस्तेमाल की गई मुखौटा कंपनियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार करोड़ों रुपये की मनी लांड्रिंग के लिए इस्तेमाल की गईं 120 मुखौटा कंपनियों का पता लगाया जा चुका है। इनमें से 17 मुखौटा कंपनियों के ठिकानों पर बुधवार को देश भर में छापे मारे गए। छापे में मुखौटा कंपनियों के मालिकाना हक और उसके लेन-देन से संबंधित अहम दस्तावेज मिले हैं। आने में दिनों बाकी बची मुखौटा कंपनियों के ठिकानों पर छापे मारे जाएंगे।
गिरफ्तारी का सिलसिला जारी
मंगलवार की रात को सीबीआइ घोटाले के वक्त ब्रैडी हाऊस ब्रांच में मैनेजर के पद पर तैनात रहे राजेश जिंदाल को गिरफ्तार कर लिया है। जिंदाल 2009 से 2011 तक इस ब्रांच में मैनेजर थे। 2011 में ही नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को नियमों की अनदेखी कर एलओयू और एलसी जारी करने का काम शुरू हुआ था। जिंदाल फिलहाल पीएनबी के दिल्ली मुख्यालय जनरल मैनेजर (क्रेडिट) के पद पर तैनात हैं। इस मामले में सीबीआइ ने मंगलवार को नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की कंपनियों के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। सभी छह आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें पांच मार्च तक सीबीआइ की हिरासत में भेज दिया।