Move to Jagran APP

New Parliament Building : दिसंबर में नए संसद भवन का शिलान्यास कर सकते हैं पीएम मोदी

नए संसद भवन की आधारशिला रखने की प्रस्तावित तिथि 10 दिसंबर के आसपास है लेकिन अंतिम तिथि प्रधानमंत्री की समय उपलब्धता पर निर्भर करेगी। योजना के अनुसार नए संसद भवन में सभी सांसदों के लिए अलग-अलग कार्यालय होंगे

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 08:38 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 08:38 AM (IST)
New Parliament Building : दिसंबर में नए संसद भवन का शिलान्यास कर सकते हैं पीएम मोदी
संसद में सदस्यों की संख्या बढ़ने के कारण मौजूदा भवन में जगह कम हो गई है

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत को एक नया संसद भवन मिलने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिसंबर के पहले पखवाड़े में नए संसद भवन का शिलान्यास कर सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि संसद परिसर में महात्मा गांधी और भीमराव अंबेडकर सहित लगभग पांच प्रतिमाओं को निर्माण कार्य के कारण अस्थायी रूप से स्थानांतरित किए जाने की संभावना है और परियोजना के पूरा होने पर नए परिसर के भीतर प्रमुख स्थानों पर इन प्रतिमाओं को फिर से स्थापित कर दिया जाएगा।

loksabha election banner

काफी समय से नए संसद भवन को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत नए भवन का निर्माण मौजूदा भवन के पास किया जाएगा और इसके निर्माण कार्य शुरू होने के 21 महीने में पूरा होने की उम्मीद है। सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत एक नए त्रिकोणीय संसद भवन, एक संयुक्त केंद्रीय सचिवालय और राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ के पुनर्निमाण की परिकल्पना की गई है।

हालांकि, नए संसद भवन की आधारशिला रखने की प्रस्तावित तिथि 10 दिसंबर के आसपास है, लेकिन अंतिम तिथि प्रधानमंत्री की समय उपलब्धता पर निर्भर करेगी। योजना के अनुसार, नए संसद भवन में सभी सांसदों के लिए अलग-अलग कार्यालय होंगे, जो 'पेपरलेस ऑफिस' बनाने की दिशा में नवीनतम डिजिटल इंटरफेस से लैस होंगे। अभी मंत्री अलग- अलग जगह बैठते हैं, उनके आने जाने और इमारत के किराए में खर्च होता है। नई इमारत में सभी मंत्री एक जगह बैठेंगे और किराए मे जाने वाले पैसे की बचत होगी।

नई इमारत में एक भव्य संविधान कक्ष होगा, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक धरोहर को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा इसमें सांसदों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समितियों के कक्ष, खान-पान क्षेत्र और विस्तृत वाहन पार्किंग स्थल होगा।

मौजूदा संसद भवन में नहीं है ये इंतजाम

उल्‍लेखनीय है कि मौजूदा संसद भवन 1927 में बना था। यह दो सदन वाली संसद के लिए नहीं था। संसद में सदस्यों की संख्या बढ़ने के कारण मौजूदा भवन में जगह कम हो गई है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों एकदम भरे रहते हैं। दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में सदस्यों को प्लास्टिक की कुर्सियों पर बैठना पड़ता है, जो कि सदन की गरिमा के अनुकूल नहीं है। मौजूदा भवन भूकंपरोधी भी नहीं है। यहां अग्निशमन के लिए भी उतना अच्छा इंतजाम नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.