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India Support CAA Campaign : नागरिकता कानून के समर्थन में पीएम मोदी का #IndiaSupportsCAA अभियान, लोगों से जुड़ने की अपील

India Support CAA Campaignनागरिकता संशोधन एक्‍ट (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर देशभर में मचे घमासान के बीच मोदी ने ट्विटर पर ,IndiaSupportsCAA अभियान शुरू किया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 12:18 PM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 01:33 PM (IST)
India Support CAA Campaign : नागरिकता कानून के समर्थन में पीएम मोदी का #IndiaSupportsCAA अभियान, लोगों से जुड़ने की अपील
India Support CAA Campaign : नागरिकता कानून के समर्थन में पीएम मोदी का #IndiaSupportsCAA अभियान, लोगों से जुड़ने की अपील

नई दिल्‍ली, एएनआइ। नागरिकता संशोधन एक्‍ट (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस कानून को लेकर देशभर में मचे घमासान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर #IndiaSupportsCAA अभियान शुरू किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से इस अभियान का समर्थन करने की अपील की है। इससे पहले कई केंद्रीय मंत्री भी सीएए को लेकर जागरूकता देशभर में फैलाने के लिए निकले हुए हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने #IndiaSupportsCAA ट्वीट करते हुए लिखा- क्योंकि सीएए प्रताड़ित शरणार्थियों को नागरिकता देता है और यह किसी की नागरिकता छीनता नहीं है। नमो ऐप के वॉलिंटियर मॉड्यूल के वाइस सेक्शन में मजेदार कंटेंट, ग्रॉफिक्स और अन्य को देखने के लिए इस हैशटैग को देखें। पीएम ने अपने ट्वीट में लिखा है कि इस हैशटैग के जरिए सीएए के पक्ष में अपना समर्थन दें।

बता दें कि नागरिकता कानून का कांग्रेस, बीएसपी, सपा और टीएमसी समेत लगभग सभी विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। असम, दिल्ली, यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार, कर्नाटक के अलावा कई राज्‍यों में इस एक्ट के विरोध में जोरदार प्रदर्शन हुए। उत्‍तर प्रदेश में तो इन प्रदर्शनों में 19 लोग मारे गए। दिल्ली में भी हिंसक प्रदर्शन हुए। विपक्षी दल सरकार से इस एक्ट को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, भाजपा इस कानून को लेकर झुकने को कतई तैयार नहीं है। केंद्रीय मंत्रियों की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि ये कानून किसी भारतीय की नागरिकता नहीं छीनेगा, बल्कि पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश और अफगानिस्‍तान में रह रहे अल्‍पसंख्‍यकों को नागरिकता देगा।

कठघरे में कांग्रेस

नागरिकता कानून और नेशनल पोपुलेशन रजिस्टर(एनपीआर) को एनआरआइसी(नेशनल रजिस्टर आफ इंडियन सिटिजन) से जोड़कर धरना प्रदर्शन और आंदोलन में जुटी कांग्रेस कठघरे में आ गई है। दरअसल सत्ता में रहते हुए वह खुद भी एनआरसी की बात करती रही है। संप्रग दो के काल में गृहमंत्रालय ने साफ कहा था कि वह एनआरसी लाने का इरादा रखती है और नागरिकता उसी के आधार पर तय होगा।

संसद में एक सवाल के जवाब में तत्कालीन गृह राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि एनपीआर में सभी दस उंगलियों के निशान, आइरिस, फोटोग्राफ आदि के पहचान लिए जाएंगे और फिर कार्ड दिए जाएंगे, लेकिन वह नागरिकता का सबूत नहीं होगा। नागरिकता अधिकार उसी को मिलेगा जिसका नाम एनआरसी में होगा। यह एनपीआर के सबसेट के रूप में बाद में आएगा।

कांग्रेस ने शनिवार को अपने स्थापना दिवस के अवसर पर संविधान की दुहाई देते हुए सीएए, एनपीआर और एनआरसी का विरोध किया था। विपक्षी दलों की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि एनआरसी से मुस्लिमों की नागरिकता खतरे में होगी। विपक्षी दलों के कुछ राज्यों ने एनपीआर से भी मना कर दिया है। लेकिन सत्ता में रहते हुए कांग्रेस का विचार अलग था।


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