बिना सुरक्षा घेरे के PM मोदी गुरुद्वारा शीशगंज साहिब पहुंचे, बोले- गुरु तेग बहादुर के बलिदान को नहीं भूल सकते
गुरु तेगबहादुर जी के 400 वें प्रकाश पर्व के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह गुरुद्वारा शीशगंज साहिब में पहुंचकर मत्था टेका। बिना किसी सुरक्षा घेरे के मोदी गुरुद्वारा पहुंचे। इस दौरान पीएम ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी के बालिदान को नहीं भूल सकते।
नई दिल्ली, एएनआइ। गुरु तेगबहादुर जी के 400 वें प्रकाश पर्व के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह गुरुद्वारा शीशगंज साहिब में पहुंचकर मत्था टेका। बिना किसी सुरक्षा घेरे के मोदी गुरुद्वारा पहुंचे। सुबह-सुबह पीएम मोदी ने यहां पहुंच कर प्रार्थना की। प्रधानमंत्री यहां बिना किसी सुरक्षा रूट और स्पेशल सुरक्षा व्यवस्था के पहुंचे थे। बता दें कि इससे पहले भी कई मौके पर प्रधानमंत्री मोदी गुरुद्वारे में मत्था टेकने पहुंचे चुके हैं।
आज जब पीएम मोदी गुरुदारे के लिए अपने आवास से निकले तो ट्रैफिक नहीं रोकी गई। हालांकि, उनके काफिले के साथ दूसरे भी वाहन चल रहे थे। इस दौरान उनके साथ गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के सदस्य भी मौजूद थे।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi visited Gurudwara Sis Ganj Sahib in Delhi today morning and offered prayers on the 400th Prakash Purab of Guru Teg Bahadur. pic.twitter.com/jI7NMFA3R0— ANI (@ANI) May 1, 2021
बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती पर राष्ट्र को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनका बलिदान कई लोगों को शक्ति और प्रेरणा प्रदान करता है। उन्होंने कहा, "400 वें प्रकाशोत्सव के विशेष अवसर पर, मैं श्री गुरु तेग बहादुर जी को नमन करता हूं। उनके साहस और दलितों की सेवा के उनके प्रयासों के लिए उन्हें विश्व स्तर पर सम्मानित किया जाता है। उन्होंने अत्याचार और अन्याय के लिए झुकने से मना कर दिया था। उनके सर्वोच्च बलिदान से ताकत और प्रेरणा मिलती है'।
गुरु तेग बहादुर सिख धर्म के नौवें गुरु थे। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 8 अप्रैल को कहा था कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400 वें प्रकाश पर्व का अवसर एक आध्यात्मिक सौभाग्य के साथ-साथ राष्ट्रीय कर्तव्य भी है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान यह बयान दिया था।