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कोरोना की रोकथाम के लिए पीएम मोदी ने लॉकडाउन के बजाय माइक्रो कंटनमेंट जोन की बताई जरूरत

पीएम ने कहा कि कोरोना को रोकने के लिए प्रभावी टेस्टिंग ट्रेसिंग ट्रीटमेंट सर्विलेंस और क्लीयर मैसेजिंग हमें अपना फोकस आगे बढ़ाना होगा। देश में कुल कोरोना के मामलों का 65.5 फीसद और इससे होने मौतों का 77 फीसद इन्हीं राज्यों में सीमित है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 07:09 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 07:32 AM (IST)
कोरोना की रोकथाम के लिए पीएम मोदी ने लॉकडाउन के बजाय माइक्रो कंटनमेंट जोन की बताई जरूरत
पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई के साथ आर्थिक गतिविधियों को पूरी क्षमता के साथ खोलने पर बल दिया है। महामारी से सबसे अधिक प्रभावित सात राज्यों के हालात की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लागू करने की जगह माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर ध्यान केंद्रित की जरूरत बताई। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सात राज्यों के सिर्फ 60 जिले ही चिंता का कारण हैं, जहां तेजी से मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने कोरोना के खिलाफ जंग में प्रभावी जांच, पहचान, उपचार, निगरानी और स्पष्ट संदेश के साथ आगे बढ़ने पर जोर दिया। सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों व प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिये समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि माइक्रो कंटेनमेंट जोन के साथ संक्रमण के प्रसार को रोकने के साथ ही सामान्य गतिविधियों को भी बहाल रखने में मदद मिलेगी।

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सात राज्यों के 60 जिलों में केंद्रित हैं कोरोना के अधिकांश मामले

बुधवार को महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश में कुल 700 से अधिक जिले हैं, लेकिन कोरोना से सबसे अधिक मामले सात राज्यों में 60 जिलों में सबसे अधिक हैं। जिलों में कोरोना को नियंत्रित करना इतना मुश्किल नहीं है। उनके अनुसार यदि मुख्यमंत्री एक हफ्ते तक हर दिन एक घंटे का समय निकालकर स्थानीय अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक करें, तो निचले स्तर तक गंभीरता लाने में मदद मिल सकती है।

पीएम ने की सात राज्यों में कोरोना के हालात की समीक्षा

प्रधानमंत्री ने कोरोना के माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर जोर देते हुए ट्रैकिंग और ट्रेसिंग के सिस्टम को मजबूत करना की जरूरत बताई। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमत्रियों से एक-दो दिनों के लिए लगाए जाने वाले लॉकडाउन पर पुनर्विचार करने को कहा। प्रधानमंत्री का कहना था कि ऐसी रणनीति बनानी होगी, जिससे कोरोना को रोका भी जा सके और बाकि गतिविधियां भी सामान्य रूप से चल सके।

उन्होंने कहा कि सेवा और सामान की आवाजाही में रूकावट से सामान्य नागरिक को अनावाश्यक परेशानी होती है। इससे जनजीवन भी प्रभावित होता है और आजीविका पर भी असर पड़ता है। प्रधानमंत्री मुख्यमंत्रियों से आक्सीजन की बिना रूकावट आवाजाही सुनिश्चित करने की भी अपील की। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को बताया कि केंद्र सरकार ने बुधवार को ही एसडीआरएफ के इस्तेमाल पर अहम फैसला लिया गया। इसके तहत एसडीआरएफ के इस्तेमाल की सीमा को 35 फीसद से बढ़ाकर 50 फीसद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इससे कोरोना से लड़ने के लिए राज्यों के अधिक फंड मिल सकेगा।


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