नई दिल्ली (जेएनएन)। नेविगेशन सेटेलाइट आइआरएनएसएस-1G के सफल प्रक्षेपण के बाद पीएम ने कहा कि देश को इसरो पर नाज है। उन्होंने कहा कि नेविगेशनल सेटेलाइट का प्रक्षेपण मेक इन इंडिया, मेड इन इंडिया का नायाब उदाहरण है। 125 करोड़ भारतीयों को नया नाविक मिल गया है। भारत की नेविगेशनल सेटेलाइट में कामयाबी को नाविक के नाम से जानेगी। आज हम उस मुकाम पर पहुंच गए हैं जहां दुनिया के ताकतवर मुल्कों के साथ कदमताल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीपीएस के लिए अब हमें अमेरिका या किसी विकसित मुल्क पर नहीं निर्भर होना होगा।
भारत का होगा अपना जीपीएस सिस्टम, IRNSS-1G का सफल प्रक्षेपण
भारतीय नाविकों और मछुआरों को समर्पित करते हुए पीएम मे भारतीय नेविगेशनल सिस्टम को नाविक नाम दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया की नजरों से छिपी हुई चीजों को ये लोग दुनिया के सामने रखते हैं। ऐसे में आधुनिक युग में भारतीय वैज्ञानिकों की कामयाबी से इन लोगों को मदद मिलेगी। पीएम ने कहा कि प्राचीन युग में तारों और सितारों की चाल उनकी स्थिति और मॉनसून की चाल से भारतीय नाविक अपने रास्तों की तलाश किया करते थे। लेकिन अब भारतीय नाविक और मछुआरे और बेहतर ढंग से काम कर सकेंगे।
स्पेस साइंस में भारत के बढ़ते कदम, जानें क्यों खास है IRNSS सीरीज