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जी-20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी बोले, अफगानिस्तान को बदलना है तो मिलकर करना होगा प्रयास

G20 Summit पीएम मोदी ने कहा कि हर भारतीय भूख और कुपोषण से जूझ रहे अफगानिस्तान नागरिकों के दर्द को समझता है। वहां पर हालात बेहतर करने के लिए सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के अनुरूप एकजुट होकर वैश्विक प्रयास करने की जरूरत है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 07:58 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 09:47 PM (IST)
जी-20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी बोले, अफगानिस्तान को बदलना है तो मिलकर करना होगा प्रयास
पीएम ने कहा, आतंकवाद के स्रोत के रूप में नहीं किया जाना चाहिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल

नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान किया कि अफगानिस्तान की स्थिति में वांछित बदलाव लाने के लिए वह एकजुट होकर प्रयास करे। इसके साथ ही उन्होंने आगाह किया कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल क्षेत्रीय या वैश्विक रूप से कट्टरपंथ और आतंकवाद के स्रोत के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।

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अफगानिस्तान पर जी-20 के वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने जोर दिया कि अफगान नागरिकों को तत्काल मानवीय सहायता की जरूरत है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान में महिलाओं और अल्पसंख्यकों की भागीदारी के साथ समावेशी प्रशासन की जरूरत को भी रेखांकित किया।

मोदी ने कहा कि हर भारतीय भूख और कुपोषण से जूझ रहे अफगानिस्तान नागरिकों के दर्द को समझता है। वहां पर हालात बेहतर करने के लिए सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के अनुरूप एकजुट होकर वैश्विक प्रयास करने की जरूरत है।

बाद में प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, अफगानिस्तान पर जी-20 के सम्मेलन में भाग लिया। इस बात पर जोर दिया कि अफगानिस्तान की धरती कट्टरपंथ और आतंकवाद का स्रोत नहीं बने। अफगान नागरिकों को तत्काल मानवीय सहायता देने के साथ ही समावेशी प्रशासन का भी आह्वान किया।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 30 अगस्त को भारत की अध्यक्षता में एक प्रस्ताव पारित किया था। इसमें वैश्विक समुदाय से अफगानिस्तान को मानवीय सहायता देने की जरूरत पर चर्चा की गई थी। इसके अलावा कहा गया था कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए।

इटली की ओर से किया गया शिखर सम्मेलन का आयोजन

विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने एकजुट होकर काम नहीं किया तो अफगानिस्तान की स्थिति में इच्छानुसार बदलाव लाना बहुत मुश्किल होगा। कट्टरपंथी विचारधारा का प्रसार रोकने के लिए उन्होंने समावेशी प्रशासन की भी वकालत की, ताकि पिछले 20 वर्षो से हासिल सामाजिक-आर्थिक उपलब्धियों को बरकरार रखा जा सके। इस शिखर सम्मेलन का आयोजन इटली की ओर से किया गया था, जो वर्तमान में जी-20 का अध्यक्ष है।

अफगान को लेकर यूएन की महत्वपूर्ण भूमिका का पीएम मोदी ने किया समर्थन

प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की महत्वपूर्ण भूमिका का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के अनुरूप जी-20 को अफगानिस्तान को नए सिरे से समर्थन देना चाहिए। उन्होंने क्षेत्र में कट्टरपंथ, आतंकवाद और ड्रग्स व हथियारों की तस्करी के खिलाफ मिलकर संघर्ष करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों के मन में भारत के प्रति मित्रता का महान भाव है और हर भारतीय अफगान जनता के दुख-दर्द को महसूस करता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सहयोग से अफगानिस्तान में 500 से ज्यादा विकास परियोजनाओं को लागू किया गया।


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