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PM मोदी की गुजरात को सौगात, सूरत-सौराष्ट्र के बीच शुरू हुई रोपैक्स फेरी सर्विस

पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गुजरात के हज़ीरा में रोपैक्स टर्मिनल का उद्घाटन और हज़ीरा से घोघा के बीच रो-पैक्स फेरी सेवा को फ्लैग ऑफ किया। इस कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद रहे।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 12:30 PM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 12:48 PM (IST)
PM मोदी की गुजरात को सौगात, सूरत-सौराष्ट्र के बीच शुरू हुई रोपैक्स फेरी सर्विस
पीएम मोदी ने रोपैक्स फेरी सर्विस का उद्घाटन कि

सूरत, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुजरात को सी-प्लेन के बाद अब फेरी सर्विस का तोह्फा दिया है। पीएम मोदी ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सूरत को सौराष्ट्र से जोड़ने वाले हजीरा-घोघा रो-पैक्स फेरी सर्विस (Ropax ferry service) का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद रहे। इस सेवा से घोघा और हजीरा के बीच सड़क मार्ग की दूरी 375 किलोमीटर है, जो अब समुद्र के रास्ते सिर्फ 90 किलोमीटर ही रह जाएगी। यानि जिस दूरी को कवर करने में 10 से 12 घंटे का समय लगता था, अब उस सफर में 3-4 घंटे ही लगा करेंगे।

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इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज घोघा और हजीरा के बीच रोपैक्स फेरी सर्विस शुरु होने से सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात दोनों क्षेत्र के लोगों का वर्षों का इंतजार खत्म हुआ है। इस सेवा से समय तो बचेगा ही आपका खर्च भी कम होगा। इसके अलावा सड़क से ट्रैफिक कम होगा, वो प्रदूषण कम करने में भी मदद करेगा। सालभर में करीब 80 हजार गाड़ियां और करीब 30 हजार ट्रक इस नई सेवा का लाभ ले सकेंगे। इससे पेट्रोल डीजल की भी बचत होगी।

पीएम ने कहा कि गुजरात के एक बड़े व्यापारिक केंद्र के साथ सौराष्ट्र की ये कनेक्टिविटी इस क्षेत्र के जीवन को बदलने वाली है। अब सौराष्ट्र के किसानों और पशुपालकों को सब्जी, फल और दूध को सूरत पहुंचाने में ज्यादा आसानी होगी। उन्होंने बताया कि सरकार के इन प्रयासों को गति देने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है, अब मिनिस्ट्री ऑफ शिपिंग का नाम बदला जा रहा है, अब ये मंत्रालय मिनिस्ट्री ऑफ पोर्टस, शिपिंग एंड वॉटरवेज के नाम से जाना जाएगा।

आज गुजरात में समुद्री कारोबार से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपेसिटी बिल्डिंग पर तेज़ी से काम चल रहा है। आज देश भर की समुद्री सीमा में पोर्ट्स की कैपिसिटी को भी बढ़ाया जा रहा है। नए पोर्ट्स का भी तेजी से निर्माण हो रहा है। देश के पास करीब 21 हजार किमी का जो जलमार्ग है, वो अधिक से अधिक कैसे देश के काम आए, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।


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