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India-Bangladesh Relation : भारत के लिए क्‍यों अहम है बांग्‍लादेश, जानें- दोनों देशों के संबंधों के बीच चीन कैसे है बड़ा फैक्‍टर

कोरोना महामारी के बाद प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे के कई मायने हैं। सवाल यह है कि प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा कूटनीति के लिहाज से क्‍यों अहम हैं। मोदी के इस दौरे में चीन की क्‍या दिलचस्‍पी है। इस दौरे पर चीन की पैनी नजर क्‍यों है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 26 Mar 2021 01:51 PM (IST)Updated: Fri, 26 Mar 2021 01:53 PM (IST)
India-Bangladesh Relation : भारत के लिए क्‍यों अहम है बांग्‍लादेश, जानें- दोनों देशों के संबंधों के बीच चीन कैसे है बड़ा फैक्‍टर
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना। फाइल फोटो।

नई दिल्‍ली, ऑनलाइन डेस्‍क। PM Modi's Bangladesh visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्‍लादेश की यात्रा पर हैं। बांग्‍लादेश इस साल अपनी आजादी की 50वीं सालगिरह मना रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। कोरोना महामारी के बाद प्रधानमंत्री मोदी पहली बार किसी विदेशी दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरे पर चीन की पैनी नजर है। मोदी के इस दौरे के कई मायने हैं। सवाल यह है कि प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा कूटनीति के लिहाज से क्‍यों अहम हैं। मोदी के इस दौरे में चीन की क्‍या दिलचस्‍पी है।

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दोनों देशों के संबंधों में चीन बड़ा फैक्‍टर

  • प्रो. हर्ष पंत का कहना है कि बांग्‍लादेश, भारत का मित्र होने के साथ एक भरोसेमंद पड़ोसी मुल्‍क भी है। उन्‍होंने कहा कि हालांकि, हाल के वर्षों में भारत और बांग्‍लादेश के बीच रिश्‍तों में थोड़ा उतार-चढ़ाव जरूर आया है। प्रो. पंत ने कहा कि दोनों देशों के संबंधों के बीच चीन एक बड़ा फैक्‍टर है।
  • उन्‍होंने कहा कि दक्षिण एशियाई मुल्‍कों में चीन की बढ़ती दिलचस्‍पी भारत के लिए चिंता का सबब है। पिछले कुछ वर्षों में बांग्‍लादेश में चीन का प्रभाव बढ़ा है। चीन बांग्‍लादेश में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है। इस निवेश के जरिए वह बांग्‍लादेश में अपनी इंट्री कर रहा है। बांग्‍लादेश, चीन की वन बेल्‍ट, वन रोड परियोजना का हिस्‍सा बन चुका है। इसके तहत चीन ने बांग्‍लादेश में अपनी पैठ को मजबूत किया है।
  • चीन, बांग्‍लादेश के इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को सुदृढ़ करने के बहाने यहां काफी निवेश कर रहा है। चीन ने बांग्‍लादेश को डेढ़ लाख करोड़ रुपये लोन दे चुका है। यह भारत के आर्थिक और सामरिक ह‍ितों के अनुकूल नहीं है। भारत के लिए यह चिंता का विषय है।
  • ऐसे में जब भारतीय प्रधानमंत्री बांग्‍लादेश की यात्रा पर हैं तो भारत के लिए यह बेहतर मौका है कि वह अपने हितों और चिंताओं को पड़ोसी मुल्‍क के साथ एक सौहार्दपूर्व वातावरण में साझा कर सके। उन्‍होंने कहा कि इसके अलावा अनुच्‍छेद-370 और जो अन्‍य गतिरोध है, उस पर भारत अपना दृष्टिकोण साफ कर सके।

भारत के लिए क्‍यों उपयोगी है बांग्‍लादेश

बांग्‍लादेश, भारत का पड़ोसी मुल्‍क है। दोनों देशों की एक लंबी सीमा रेखा एक दूसरे को स्‍पर्श करती है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है क‍ि भारत और बांग्‍लादेश की सीमा चार हजार 96 किलोमीटर लंबी है। इतना ही नहीं भारत-बांग्‍लादेश में बहने वाली 54 नदियों के जल को दोनों देश एक साथ इस्‍तेमाल करते हैं। दो देशों के बीच बहने वाली नदियों की यह संख्‍या दुनिया में सर्वाधिक है। दोनों देशों के राष्‍ट्रगान के रचियता रवींद्रनाथ टैगोर है। भारत का राष्‍ट्रगान जन गण मन है बांग्‍लादेश का आमार सोनर बांग्‍ला है। बांग्‍लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पाटर्नर भी है। वर्ष 2019 में भारत और बांग्‍लादेश के बीच 10 ब‍िलियन डॉलर यानी 73 हजार करोड़ से ज्‍यादा का व्‍यापार हुआ था।

कोरोना महामारी के दौरान भारत से बेहतर हुए संबंध

कोरोना महामारी के दौरान भारत ने बांग्‍लादेश की खुलकर मदद की। भारत ने मित्रता के सिद्धांत को ऊपर रखा। इसका अदांजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत ने बांग्‍लादेश को 90 लाख वैक्‍सीन की डोज मुहैया कराई है। मुश्किल समय में बांग्‍लादेश ने चीन के बजाए भारत पर भरोसा किया। उन्‍होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान दोनों देशों के बीच निकटता बढ़ी है। भारत और बांग्‍लादेश के बीच सुरक्षा, संस्‍कृति, व्‍यापार, पानी और वैक्‍सीन की डोर से बंधे हुए है।


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