पीएम मोदी ने किसानों को दी 'नुआखाई जुहार', की शुभकामनाएं, बोले- अच्छा स्वास्थ्य और स्मृद्धि मिले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी ने ओडिशा छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों के किसानों को नुआखाई जुहार की शुभकामनाएं दी।
नई दिल्ली, एएनआइ। मौसमी की नई फसल का स्वागत करने के लिए ओडिशा, छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों के क्षेत्रों में मनाए जाने वाले सबसे प्राचीन त्योहारों में से एक 'नुआखाई जुहार' के मौके पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को किसानों को अपनी शुभकामनाएं दीं और उनके अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए कामना की।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि नुआखाई का विशेष अवसर हमारे किसानों की मेहनत का जश्न मनाने के बारे में है। यह उनके प्रयासों के कारण है कि हमारा राष्ट्र को खिलाया जाता है। यह शुभ दिन सभी के लिए समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य लाए। नुआखाई जुहार कृषि त्यौहार है जिसे नुआखाई परब या नुकाही भेटघाट भी कहा जाता है। नुआखाई दो शब्दों का एक संयोजन है जो नए चावल को खाने का प्रतीक है क्योंकि 'नुआ' का अर्थ है नया और 'खई' का अर्थ है खाना।
इस दिन, लोग अन्न की पूजा करते हैं और विशेष भोजन तैयार करते हैं। ओडिशा के संबलपुर जिले की प्रसिद्ध 'देवी' देवी समलेश्वरी को किसान अपनी ज़मीन से पहली उपज देते हैं।
इसके अलावा, स्थानीय लोग राज्य के स्थानीय संस्कृति और परंपरा को प्रदर्शित करने के लिए इस दिन अपने-अपने जिलों में कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों - लोक गीतों और नृत्यों का आयोजन करते हैं। हालांकि, इस साल, लोग COIVID-19 के प्रकोप के कारण घर के अंदर रहते हुए त्योहार मनाएंगे।
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को नुआखाई जुहार के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं, जो ओडिशा, छत्तीसगढ़ में मनाए जाने वाले सबसे प्राचीन त्योहारों और पड़ोसी राज्यों के क्षेत्रों में मौसम की नई फसल का स्वागत करने के लिए है।
नायडू ने ट्वीट करते हुए लिखा कि नुआखाई जुहार! खाद्यान्न की पूजा के लिए एक प्राचीन त्यौहार, नुआखाई हमारे किसानों की कड़ी मेहनत और नई फसल के मौसम की उनकी खुशी का जश्न मनाता है। यह प्रकृति के साथ मनुष्य के घनिष्ठ संबंध को दर्शाता है। यह त्यौहार सभी के जीवन में शांति, समृद्धि और खुशियां लाए। इस दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस अवसर पर लोगों को शुभकामना देने के लिए ट्विटर का सहारा लिया।