Move to Jagran APP

विपक्ष पर बरसे पीएम मोदी, बोले- सरकार हर कदम पर किसानों के साथ, नकारे गए दल गुमराह कर रहे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) के तहत मिलने वाले वित्तीय लाभ की अगली किस्त जारी कर दी है। इसके उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष किसानों को गुमराह कर रहा है।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 08:21 AM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2020 08:28 PM (IST)
विपक्ष पर बरसे पीएम मोदी, बोले- सरकार हर कदम पर किसानों के साथ, नकारे गए दल गुमराह कर रहे
पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की किस्त जारी की।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को विपक्षी दलों पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि जनता से नकारे हुए लोग किसानों को गुमराह कर रहे हैं। कुछ नेता राजनीतिक एजेंडा चला रहे हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि उनके प्रधानमंत्री रहते किसानों का अहित नहीं हो सकता है। कृषि सुधार कानूनों के फायदे बताने के साथ उन्होंने आंदोलन कर रहे किसानों से कहा कि उनके हितों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। हम खुले दिमाग से उनके साथ चर्चा के लिए तैयार हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नौ करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से 18 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि ऑनलाइन जमा कराई।

loksabha election banner

बंगाल के किसानों के इस योजना के लाभ से वंचित होने पर अफसोस जताते हुए मोदी ने कहा कि ममता बनर्जी की विचारधारा ने राज्य को चौपट कर दिया है। राज्य के 70 लाख किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। विपक्षी दल इस पर चुप क्यों हैं? किसान आंदोलन को हवा देने वाले वामपंथी दलों का नाम लिए बगैर कहा कि जो दल बंगाल में किसानों के अहित पर कुछ नहीं बोलते वे दिल्ली आकर किसानों की बात करते हैं। किसानों के खिलाफ बंगाल सरकार के रवैये ने मुझे बहुत आहत किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने वामदलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इन दलों को आजकल एपीएमसी (मंडी) की बहुत याद आ रही है। लेकिन ये दल भूल जाते हैं कि केरल में एपीएमसी है ही नहीं। वहां ये लोग आंदोलन क्यों नहीं करते हैं?

कृषि कानूनों के जरिये किसानों को बेहतर विकल्प दिए गए

-कृषि सुधार के नए कानूनों का बचाव करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन सुधारों के जरिये किसानों को बेहतर विकल्प दिए गए हैं।

-नए कानूनों को पूरे देश के किसानों का समर्थन प्राप्त है। इन कानूनों के आने के बाद किसान जहां चाहे अपनी उपज को बेच सकता है।

-अब समय आ गया है कि ब्रांड इंडिया दुनिया के कृषि बाजारों में भी खुद को उतनी ही प्रतिष्ठा के साथ स्थापित करे।

-देश के 80 फीसद से अधिक छोटे किसानों के लिए कृषि क्षेत्र में सुधार जरूरी था, जिनके बारे में पिछली सरकारों ने कभी सोचा ही नहीं।

किसान ने कहा-उपज खरीदने का करार होता है, जमीन का नहीं

मोदी ने छह राज्यों के किसानों से अलग-अलग बातचीत भी की। इसी दौरान अरुणाचल प्रदेश के एक किसान से चर्चा में प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या कांट्रैक्ट करने वाली कंपनी आपकी उपज खरीदने के साथ जमीन भी ले लेती है? किसान ने कहा कि कंपनी के साथ उपज खरीदने का करार होता है, जमीन का नहीं। हमारी जमीन सुरक्षित है। मोदी ने विपक्ष पर तंज करते हुए कहा कि यहां कुछ लोग ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि आपकी फसल का कोई कांट्रैक्ट करेगा तो जमीन भी चली जाएगी।

ग्रामीण जनता ने सरकार के फैसलों पर लगाई मुहर

मोदी ने कहा कि कानूनों के किसी प्रावधान में कोई कमी है, तो सरकार उस पर चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन, ये जनता से नकारे हुए नेता किसी न किसी राजनीतिक कारण से चर्चा नहीं होने दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों को आईना दिखाने के अंदाज में कहा कि असम, राजस्थान व जम्मू-कश्मीर के पंचायत चुनावों में जनता ने इन दलों को नकार दिया है। इन राज्यों की ग्रामीण जनता ने सरकार के फैसलों पर मुहर लगा दी है।

एक हजार से अधिक मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा

मोदी ने कहा कि इन सुधारों से हम किसानों का जीवन आसान बना रहे हैं। एक हजार से अधिक मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा है, जहां एक लाख करोड़ रुपये का कारोबार हो चुका है। प्रधानमंत्री ने किसानों की जमीन की ¨चता करने वालों पर हमला करते हुए कहा कि हम उन सभी लोगों को जानते हैं, जिनका नाम मीडिया में भूमि कब्जाने के लिए आया था।

यह भी कहा मोदी ने

-आंदोलन के शुरू में किसानों की कुछ उचित मांगे थीं। लेकिन, बाद में किसान नेता हिंसा के आरोपितों की रिहाई और राजमार्गो को टोल-फ्री करने की मांग करने लगे।

-कृषि सुधार इसलिए जरूरी था क्योंकि पिछली सरकारों के दौरान गरीब किसान, जो 80 फीसद से अधिक हैं, और ज्यादा गरीब हो रहे थे।

-जिन राजनेताओं का लोकतंत्र में भरोसा नहीं है, उन्होंने ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया है, जिसे बताया नहीं जा सकता। लेकिन, मैंने इसे बर्दाश्त किया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.