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प्लास्टिक के तिरंगे के उपयोग को पूरी तरह किया जाएगा वर्जित

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने पत्र में लिखा है कि राष्ट्रीय ध्वज देश के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है।

By Manoj YadavEdited By: Published: Mon, 12 Mar 2018 10:59 AM (IST)Updated: Mon, 12 Mar 2018 10:59 AM (IST)
प्लास्टिक के तिरंगे के उपयोग को पूरी तरह किया जाएगा वर्जित
प्लास्टिक के तिरंगे के उपयोग को पूरी तरह किया जाएगा वर्जित

नईदुनिया, रायपुर। भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के अपमान को लेकर केंद्र सरकार ने सख्त रूख अपना लिया है। केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देशित किया है कि भारतीय झंडा संहिता 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के प्रावधानों के तहत तिरंगे के अपमान के मामलों पर कार्रवाई सुनिश्चित करें। केंद्र ने तिरंगे की नियमावली भी भेजी है, जिसका पालन कड़ाई से करने को कहा गया है।

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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने पत्र में लिखा है कि राष्ट्रीय ध्वज देश के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए इसका सम्मान होना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज के लिए एक सार्वभौमिक लगाव और आदर तथा वफादारी होती है। लेकिन, देखा जा रहा है कि राष्ट्रीय झंडे के प्रदर्शन पर लागू होने वाले कानूनों, अभ्यास तथा परंपराओं के संबंध में जनता के साथ-साथ भारत सरकार के संगठनों तक में जागरूकता का अभाव है।

गृह मंत्रालय के संज्ञान में यह भी आया है कि राष्ट्रीय और सांस्कृतिक खेलकूद के अवसरों पर कागज के झंडों के स्थान पर प्लास्टिक के झंडों का प्रयोग किया जा रहा है। प्लास्टिक से बने झंडे अपघटित नहीं होते, इसलिए इनका सम्मानपूर्वक उचित निपटान भी समस्या है। इसलिए प्लास्टिक के झंडों का प्रयोग पूरी तरह वर्जित किया जाना चाहिए।

किसी समारोह में अगर कागज के झंडों का उपयोग किया जा रहा हो तो समारोह खत्म होने के बाद झंडों को न विकृत किया जाए, न जमीन पर फेंका जाए। ऐसे झंडों का निपटान उनकी मर्यादा के अनुरूप एकांत में किया जाए।

हाथ से काते गए और बुने गए कपड़े का होगा तिरंगा :

झंडा संहिता में तिरंगे के निर्माण से लेकर इसके प्रयोग तक के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि तिरंगा सदैव हाथ से काते गए और हाथ से बुने गए ऊनी, सूती या सिल्क के कपड़े का होगा। इसकी लंबाई और ऊंचाई का अनुपात 3:2 होगा।

व्यक्तिगत और व्यावसायिक प्रयोजन में नहीं होगा उपयोग :

व्यावसायिक प्रयोजन में इसका उपयोग नहीं किया जा सकता। किसी भी रूप में लपेटने में झंडे का उपयोग नहीं किया जाएगा। इसमें व्यक्तिगत शवयात्र भी शामिल है। किसी प्रकार की पोशाक या वर्दी में तिरंगे का उपयोग नहीं किया जा सकता। तकिया, रूमाल, नैपकिन आदि में इसका उपयोग नहीं किया जाएगा। तिरंगा फहराने के पहले झंडा संहित का अध्ययन किया जाना चाहिए। इसमें हर मौके और स्थान पर तिरंगा फहराने की विधि बताई गई है।


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