कछुए की गति से चल रहा है भारत सरकार का पीजी पोर्टल
आम जनता की शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए यूपीए सरकार ने प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग के अंतर्गत पीजी पोर्टल की स्थापना की थी।
ओमप्रकाश तिवारी,मुंबई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही ‘टाउन हाल बैठक’ कर देश की आम जनता से सीधे संवाद की कोशिश कर रहे हों, लेकिन जनता की समस्याएं सुलझाने के लिए पहले से चले आ रहे पीजी पोर्टल का शिकायत निपटान तंत्र कछुए की गति से आगे बढ़ रहा है।
आम जनता की शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए यूपीए सरकार ने प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग के अंतर्गत पीजी पोर्टल की स्थापना की थी। इसका मुख्य उद्देश्य जनता से ऑन लाइन प्राप्त शिकायतों का त्वरित निस्तारण करना था। लेकिन यह तंत्र ऑन लाइन होने के बावजूद एक-एक साल से ज्यादा का वक्त ले रहा है। आरटीआई के तहत प्राप्त एक सूचना के अनुसार पीजी पोर्टल पर 24 जून, 2016 तक दर्ज 5,05,356 शिकायतें ऐसी हैं, जो साल भर से अपने निपटान का इंतजार कर रही हैं। जबकि प्रधानमंत्री पीजी पोर्टल एवं माई जीओवी पोर्टल जैसे माध्यमों के द्वारा आम जनता की शिकायतों का डिजिटल त्वरित निस्तारण करना चाहते हैं।
पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेट पंकज जायसवाल द्वारा आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में अंडर सेक्रेटरी पीजी एंड सीपीआईओ प्रतिभा आहूजा द्वारा बताया गया है कि उक्त तिथि तक कुल 24,43,355 शिकायतें पीजी पोर्टल पर दर्ज हुईं । इनमें से 19,34,761 शिकायतों का निपटारा हो चुका है। जबकि शेष 5,08,594 शिकायतों का निस्तारण नहीं हो सका है। इनमें से 5,05,356 शिकायतें एक साल से भी ज्यादा पुरानी हैं। आरटीआई में पिछले तीन वर्ष से अधिक समय से लंबित शिकायतों का ब्यौरा वर्षवार मांगा गया था। जिसके उत्तर में विभाग द्वारा एक साल से अधिक अवधि से लंबित सभी शिकायतों की संख्या एक साथ जोड़कर बता दी गई है।