बहुविवाह, निकाह हलाला को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जल्द सुनवाई हो, सीजेआइ से किया अनुरोध
अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि बहुविवाह पर प्रतिबंध लोक व्यवस्था और स्वास्थ्य के मद्देनजर लंबे समय से समय की मांग रही है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। जाने माने अधिवक्ता ने देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) एसए बोबडे को पत्र लिखकर मुसलमानों में प्रचलित निकाह हलाला और बहुविवाह जैसी प्रथाओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जल्द सुनवाई किए जाने का अनुरोध किया है।
यह मुद्दा लैंगिक न्याय, लैंगिक समानता और महिलाओं की गरिमा से संबंधित है
प्रधान न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति बीआर गवई तथा न्यायमूर्ति सूर्यकांत की तीन सदस्यीय पीठ ने दो दिसंबर, 2019 को रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि इस मामले को सर्दियों की छुट्टियों के तुरंत बाद किसी उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करें। अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि मामले की जल्द से जल्द सुनवाई की जानी चाहिए क्योंकि यह मुद्दा सार्वजनिक महत्व, लैंगिक न्याय, लैंगिक समानता और महिलाओं की गरिमा से संबंधित है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में याचिका पर विचार कर संविधान पीठ को सौंप दिया था
सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई, 2018 में याचिका पर विचार किया था और इस मामले को एक संविधान पीठ को सौंप दिया। संविधान पीठ को पहले ही इसी तरह की विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई करने को कहा गया है।
बहुविवाह पर प्रतिबंध लंबे समय से समय की मांग है
याचिकाकर्ता के अनुसार बहुविवाह पर प्रतिबंध लोक व्यवस्था और स्वास्थ्य के मद्देनजर लंबे समय से समय की मांग रही है। न्यायालय ने फरजाना द्वारा दायर याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया था और उपाध्याय की याचिका को संविधान पीठ द्वारा सुनवाई की जाने वाली विभिन्न याचिकाओं के साथ संलग्न कर दिया था।