आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ पूर्व जज ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में उन्होंने हाई कोर्ट के आदेश पर इस आधार पर रोक लगाने की मांग की है कि यह अवांछित और गैरकानूनी है और यह आदेश उन्हें नोटिस जारी किए बिना दिया गया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के पूर्व जज वी. ईश्वरैया ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। हाई कोर्ट ने उनके और निलंबित ट्रायल कोर्ट मजिस्ट्रेट के बीच फोन पर हुई बातचीत की जांच का आदेश दिया था। जस्टिस ईश्वरैया ने याचिका में आरोप लगाया है कि यह घटना न्यायपालिका के खिलाफ गंभीर साजिश थी।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में उन्होंने हाई कोर्ट के आदेश पर इस आधार पर रोक लगाने की मांग की है कि यह अवांछित और गैरकानूनी है और यह आदेश उन्हें नोटिस जारी किए बिना दिया गया है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आरवी रविंद्रन से मामले की जांच करने का आग्रह किया था।
बिना छानबीन घर नहीं भेजे जाएंगे बच्चे
केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत बिना छानबीन के किसी भी बच्चे को उनके माता-पिता के घर वापस नहीं भेजा जाएगा। जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कानून के मुताबिक किसी बच्चे को हमेशा के लिए बाल गृह में नहीं जा सकता। शीर्ष अदालत ने दो अप्रैल को देशभर के बाल गृहों की स्थिति पर स्वत:संज्ञान लिया था।