Move to Jagran APP

आर्मी के डॉक्टरों की कोरोना मरीजों के इलाज में ड्यूटी लगाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

आर्मी के डाक्टरों की कोरोना मरीजों के इलाज में ड्यूटी लगाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 07:43 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 07:43 PM (IST)
आर्मी के डॉक्टरों की कोरोना मरीजों के इलाज में ड्यूटी लगाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका
आर्मी के डॉक्टरों की कोरोना मरीजों के इलाज में ड्यूटी लगाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आर्मी के डॉक्टरों की कोरोना मरीजों के इलाज में ड्यूटी लगाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है। सेवानिवृत सैन्य अधिकारी मेजर ओंकार सिंह गुलेरिया ने सुप्रीम कोर्ट में ईमेल के जरिये याचिका दाखिल कर मांग की है कि आर्मी के डॉक्टरों और नर्सो को कोरोना मरीजों के इलाज की सिविल ड्यूटी में लगाए जाने से सरकार को रोका जाए। कहा गया है कि चीन के साथ मौजूदा सीमा तनाव को देखते हुए सेना के डॉक्टरों की जरूरत सेना के लिए ज्यादा है।

loksabha election banner

सेना के डाक्टरों और नर्सो को कोरोना की सिविल ड्यूटी में लगाए जाने से रोके सुप्रीम कोर्ट

गुलेरिया की याचिका में सेना के डॉक्टरों और नर्सो को कोरोना की सिविल ड्यूटी में लगाए जाने से रोकने के साथ ही कहा गया है कि कोर्ट सरकार को निर्देश दे कि वह कोरोना महामारी से निपटने के लिए सभी बेरोजगार डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को नियुक्त करे ताकि मौजूदा और भविष्य की मेडिकल जरूरत पूरी हो सके।

लद्दाख में चीन को घुसपैठ से रोकने में आइटीबीपी की नाकामी को रिकार्ड पर रखे

यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह मार्च 2020 से मई 2020 तक लद्दाख में चीन को घुसपैठ से रोकने में आइटीबीपी की नाकामी को रिकार्ड पर रखे। गुलेरिया का कहना है कि इस समय चीन के साथ सीमा पर तनाव है। हाल ही में देश ने लद्दाख में चीनी सेना के साथ झगड़े में अपने वीर 20 जवानों को खोया है और कई अन्य घायल हुए हैं।

सीमा पर तनाव के चलते आर्मी के डाक्टर और नर्सें जवानों के लिए ही रहना चाहिए

सीमा पर तनाव को देखते हुए और मौजूदा हालात में आर्मी के डाक्टर और नर्सें जवानों के लिए रहना चाहिए। बल्कि ऐसे मौकों पर सेना के लिए सिविल अस्पताल तैयार रखे जाते हैं जबकि यहां इसके विपरीत सेना के डाक्टरों और नर्सो को 20000 कोरोना मरीजों की देखभाल और इलाज में लगाए जाने का सरकार ने फैसला किया है जो कि ठीक नहीं है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.