निजी सुरक्षा गार्डों की भीड़ प्रबंधन, अग्निशमन और IED विस्फोटकों की पहचान को होगी ट्रेनिंग, गृह मंत्रालय का आदेश
गृह मंत्रालय ने कहा कि निजी सुरक्षा कर्मी के लिए प्रवेश स्तर के प्रशिक्षण के तहत कम से कम 100 घंटे का कक्षा आधारित पाठ और 60 घंटे का क्षेत्र प्रशिक्षण होना चाहिए और पूरा प्रशिक्षण कार्यक्रम कम से कम 20 दिन में संपन्न कराया जाना चाहिए।
नई दिल्ली, प्रेट्र। देश में अब से सभी निजी सुरक्षा गार्डों को भीड़ प्रबंधन, अग्निशमन और आइइडी विस्फोटक की पहचान करने के लिए कम से कम बीस दिन का प्रत्यक्ष प्रशिक्षण लेना होगा जबकि निजी सुरक्षा कर्मी मुहैया कराने वाली एजेंसियों के मालिक को आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन जैसे विषयों पर छह दिन के प्रशिक्षण से गुजरना होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नए नियमों को जारी करने के साथ तत्काल प्रभाव से ये दिशा-निर्देश लागू हो गए हैं।
गृह मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी अधिसूचना में कहा गया, 'निजी सुरक्षा एजेंसी (नियमन) अधिनियम-2005 की धारा-24 में निहित शक्ति का इस्तेमाल करते हुए और निजी सुरक्षा एजेंसी केंद्रीय मानक नियम-2006 के निवर्तन में, केवल उन बातों को जिन्हे छूट दी गई या है निवर्तन से पहले हटाया गया है छोड़कर केंद्र सरकार अब से यह आदर्श नियम बनाती है.. ये नियम निजी सुरक्षा एजेंसी केंद्रीय आदर्श नियम-2020 के तौर पर जाने जाएंगे।'
अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि निजी सुरक्षा एजेंसी का लाइसेंस तुरंत निरस्त करने की कार्रवाई सरकार शुरू करेगी अगर एजेंसी बनाने वाले के खिलाफ कोई आपराधिक मामला होता है या ऐसे निजी सुरक्षा कर्मी या निरीक्षक को नौकरी पर रखा जाता है जिसके खिलाफ आपराधिक मामले हैं। मंत्रालय ने कहा कि एजेंसी को निजी सुरक्षा कर्मी या निरीक्षक के चरित्र को प्रमाणित करना होगा और यह प्रक्रिया अपराधा और अपराधी संबंधी इलेक्ट्रॉनिक डाटा बेस जैसे क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस), इंट्रोपेरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आइसीजेएस) और पुलिस द्वारा की जा सकती है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि निजी सुरक्षा कर्मी के लिए प्रवेश स्तर के प्रशिक्षण के तहत कम से कम 100 घंटे का कक्षा आधारित पाठ और 60 घंटे का क्षेत्र प्रशिक्षण होना चाहिए और पूरा प्रशिक्षण कार्यक्रम कम से कम 20 दिन में संपन्न कराया जाना चाहिए। अधिसूचना के मुताबिक पूर्व सैन्य कíमयों और पुलिस कíमयों के लिए 40 घंटे का कक्षा आधारित और 16 घंटे का क्षेत्र आधारित प्रशिक्षण सुनिश्चित करना चाहिए और यह प्रशिक्षण कम से कम सात कार्य दिवसों में दिया जाना चाहिए।
मंत्रालय ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान सुरक्षा कर्मी को स्वयं की शारीरिक तंदरुस्ती, भौतिक सुरक्षा, संपत्ति की सुरक्षा, इमरात या अर्पाटमेंट की सुरक्षा, व्यक्तिगत सुरक्षा, परिवार की सुरक्षा, आग से बचाव के तरीके, भीड़ प्रबंधन, पहचान पत्र और पासपोर्ट सहित दस्तावेजों की पहचान संबंधी प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। नियम कहता है कि निजी सुरक्षा कर्मी को कम से अंग्रेजी के वर्ण और अंकों की पहचान होनी चाहिए ताकि वे शस्त्र लाइसेंस, यात्रा दस्तावेज और सुरक्षा निरीक्षण पत्र आदि की पहचान कर सकें। गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री ने पिछले साल कहा था कि देश में करीब 90 लाख निजी सुरक्षा कर्मी है जबकि देश में पुलिस कíमयों और अर्धसैनिकों की कुल संख्या महज 30 लाख के करीब है।