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भारत-चीन के बीच आज होने वाली वार्ता पर टिकी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बसे लोगों की नजरें, जानें क्‍या कहा

चीन पर विश्वास न करने वाले पूर्वी लद्दाख के सात गांवों के लोगों को यह आशंका है कि वह शायद ही साजिशों से बाज आए।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 11:15 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 11:07 AM (IST)
भारत-चीन के बीच आज होने वाली वार्ता पर टिकी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बसे लोगों की नजरें, जानें क्‍या कहा
भारत-चीन के बीच आज होने वाली वार्ता पर टिकी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बसे लोगों की नजरें, जानें क्‍या कहा

जम्मू, राज्य ब्यूरो। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव के बीच शनिवार को प्रस्तावित लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता पर पूरे देश के साथ सीमांत गांवों के लोगों की भी नजर टिकी है। चीन की हर हरकत के गवाह रहे इन ग्रामीणों को विश्वास नहीं होता कि वह फिर ऐसी हरकत नहीं दोहराएगा। उनके अनुसार चीन बार-बार तनाव का माहौल पैदा करता रहा है। यहां बता दें कि भारत-चीन में तनाव पर लगाम लगाने के लिए लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की अहम वार्ता शनिवार को चुशुल-मोल्डो में होगी।

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सैन्य गतिविधियों में भारी वृद्धि के गवाह हैं सात गांवों के लोग 

 इस अहम बैठक से पहले दैनिक जागरण ने पूर्वी लद्दाख के सात गांवों के लोगों से भी चर्चा की। यह ग्रामीण एक माह से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य गतिविधियों में भारी वृद्धि के गवाह हैं। चीन पर विश्वास न करने वाले इन लोगों को यह आशंका है कि वह शायद ही साजिशों से बाज आए। वह फिर युद्ध का माहौल बनाने की साजिश रच सकता है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, इस अहम बैठक में चीनी सेना को गलवन व पैगांग त्सो इलाकों से पीछे हटने के लिए उस पर दवाब बनाया जाएगा। भारतीय सेना के दल का नेतृत्व लद्दाख की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली सेना की उत्तरी कमान की 14 कोर के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरेंद्र सिंह करेंगे। इससे पहले पूर्वी लद्दाख में ब्रिगेडियर व मेजर जनरल स्तर की वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। 

नहीं रोका जाएगा सड़क का निर्माण

सैन्य सूत्रों के अनुसार यह तय है कि चीन के दवाब में दुरबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी सड़क के निमार्ण का कार्य नहीं रोका जाएगा। इस निर्माण को रुकवाने के लिए ही चीन ने गलवन व पैगांग त्सो इलाकों में आठ हजार सैनिकों के साथ आर्टिलरी की तैनाती कर रखी है। इसके जवाब में भारतीय सेना ने भी बड़े पैमाने पर सैनिकों और तोपखाने की तैनाती की है। उम्मीद करें कि 

बातचीत से हल निकलेगा

पूर्वी लद्दाख के खोबरांग, उरगू, लुकुम, स्पांगमिक, अमन, मेरुख और कथचिक गांवों के लोग हालात से चिंता में हैं। चुशुल क्षेत्र के काउंसलर कुंचुक स्टैंजिन का कहना है कि मौजूदा माहौल में हमारे पास यह उम्मीद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है कि बातचीत से कोई हल निकलेगा या चीन पीछे हट जाएगा। उन्होंने बताया कि वास्तिवक नियंत्रण पर रहने वाले ये लोग सरहदों के रक्षक हैं। वे चीन की हर हरकत पर पैनी नजर रखते हैं। 

मजबूती में है भारतीय सेना

लद्दाख के जंस्कार इलाके के काउंसिलर स्टेंजिन लाकपा का मानना है कि चीन पर बातचीत के लिए इस बार भारी दवाब बनाया है। इस समय भारतीय सेना बहुत मजबूत है। कोरोना महामारी से उपजे हालात में चीन पर विश्व का दवाब है। ऐसे में उसके लिए भी यही बेहतर होगा कि वह अपने तेवर में नरमी लाकर पीछे हट जाए। खासी उम्मीद है कि शनिवार को होने वाली बातचीत से दोनों देशों में उपजी स्थिति में बेहतरी आएगी।


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