जनता को तो भ्रष्टाचार ही पसंद है: दिग्विजय
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना है कि राज्य की जनता को भ्रष्टाचारी सरकार पसंद है। सिंह ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल के घोटाले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नजदीकी लोगों का हाथ होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यदि मेरा आरोप झूठा है तो मुख्यमंत्री
भोपाल [नई दुनिया ब्यूरो]। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना है कि राज्य की जनता को भ्रष्टाचारी सरकार पसंद है। सिंह ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल के घोटाले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नजदीकी लोगों का हाथ होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यदि मेरा आरोप झूठा है तो मुख्यमंत्री मेरे खिलाफ मानहानि का दावा करें या फिर सीबीआई को जांच सौंप कर अपने आप को पाक-साफ साबित करें। सिंह यहां विधानसभा में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
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एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रदेश में व्यापमं घोटाला, कालाबाजारी, अवैध खनन, भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाली सरकार को जनता ने एक बार फिर चुना है। यदि उन्हें ऐसी सरकार पसंद है तो मैं उन्हें बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि व्यापमं घोटाले के सरगना पूर्व तकनीकी शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा पर कार्रवाई करने से पुलिस केवल इसलिए पीछे हट रही है कि यदि शर्मा पर कार्रवाई हुई तो वह मुख्यमंत्री की पोल खोल देंगे।
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एक अन्य सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि शर्मा के पूर्व ओएसडी ओपी शुक्ला का पता यदि आपको खोजना है तो शर्मा के भांजे से उसका नंबर ले लो। पता चल जाएगा कि वह कहां रह रहा है। पुलिस को सारी जानकारी है। सिंह ने कहा कि मप्र की विधानसभा में मेरे पिताजी बलभद्र सिंह विधायक रहे, फिर मैं स्वयं और मेरा भाई लक्ष्मण सिंह विधायक रहा। अब मेरा बेटा विधायक बना है। मुझे इस पर गर्व है। कांग्रेस के सभी नौजवान विधायकों से मेरी अपेक्षा है कि वे सदन में भाजपा को किसी भी मसले पर छोड़ें नहीं पूरी दमखम से लड़ें। भाजपा की मातृ संस्था आरएसएस का मूल मंत्र है कि झूठ जोर-जोर से बोलों और बार-बार बोलो। इस मंत्र से इन्होंने प्रदेश की जनता को भ्रमित किया है।
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प्रदेश में कांग्रेस का बुरा हाल क्यों हुआ, के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों ने स्टैंडर्ड प्रिंसिपल डोर-टू-डोर कैंपेन को नहीं किया, जिसका नतीजा आपके सामने है। इस माहौल में जो जीते हैं उन्हें बधाई और जो हारे हैं उन्हें सबक लेना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने तीसरी बार सत्ता में आने के बाद अफसरशाही को बधाई दी। जबकि आप इसी अफसरशाही के चलते सत्ता से बाहर हुए थे। जवाब में दिग्विजय सिंह ने कहा कि हां यह सही है लेकिन उसकी मुख्य वजह है कि हमने एससी-एसटी की वैकेंसी को भरा। इन वर्गो के लोगों को प्रमोट भी किया। इसके चलते कई लोग सुपरशीट कर सामान्य वर्ग लोगों के बॉस बन गए। उस समय अधिकांज राच्यों में ओवड्राफ्ट की स्थिति थी जिसके चलते हमने गैरजरूरी पदों को खत्म करने का निर्णय लिया। इसका हमें नुकसान हुआ।
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