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भारत में इस जगह पर आठ हजार रुपये में मिलती है एक बोरी सीमेंट

अरुणाचल प्रदेश के एक शहर बिजॉयनगर में लोगों को एक बोरी सीमेंट के लिए आठ हजार रुपये चुकाना पड़ता है। वह भी उपलब्ध रहने पर।

By Manish NegiEdited By: Published: Sat, 18 Nov 2017 08:25 PM (IST)Updated: Sat, 18 Nov 2017 09:14 PM (IST)
भारत में इस जगह पर आठ हजार रुपये में मिलती है एक बोरी सीमेंट
भारत में इस जगह पर आठ हजार रुपये में मिलती है एक बोरी सीमेंट

इटानगर, प्रेट्र। आपको चाहे इस बात पर यकीन आए या ना आए, लेकिन यह सच है। अरुणाचल प्रदेश के एक शहर बिजॉयनगर में लोगों को एक बोरी सीमेंट के लिए आठ हजार रुपये चुकाना पड़ता है। वह भी उपलब्ध रहने पर।

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भारत-चीन-म्यांमार ट्राई-जंक्शन स्थित बिजॉयनगर अरुणाचल के छांगलांग जिले का एक सब डिविजन है। यहां की आबादी महज 15 हजार है। लेकिन, यहां सड़क परिवहन का कोई सुलभ साधन नहीं है। लोगों को नजदीकी शहर तक पहुंचने के लिए भी पांच दिन पैदल चलना पड़ता है। हालांकि, जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए सप्ताह में एक दिन हेलीकॉप्टर की सेवा है। लेकिन, वह भी आमतौर पर मौसम के अधीन है।

सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग के कनिष्ठ अभियंता जुमुली अदो ने बताया कि सीमेंट लाने के लिए चकमा लंबी दूरी तक पैदल चलते हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग शहर में व्यक्तिगत घरेलू लैट्रिन (आइएचएचएल) का निर्माण कर रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार 10,800 रुपये और राज्य सरकार 9,200 रुपये देती है। सभी सामग्रियां चकमा लोगों द्वारा नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान से बिजॉयनगर पहुंचाई जाती हैं। यहां के लोग सीमेंट की एक बोरी के लिए 8,000 (150 रुपये प्रति किलो) का भुगतान करते हैं।

लोगों को निर्माण सामग्री लाने के लिए 156 किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। इसमें पांच दिन का समय लगता है। चार नवंबर को जिले के नमफायणग गांव में स्वच्छ भारत अभियान में भाग लेते हुए अदो ने बताया कि कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद यहां आइएचएचएल परियोजना तेजी से बढ़ रही है। वहीं, राज्य के नागरिक आपूर्ति मंत्री कमलंग मोसांग ने कहा कि राज्य सरकार ने इस इलाके के लिए सड़क निर्माण परियोजना को मंजूरी दे दी है।


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