पाक से शांति प्रक्रिया काफी हद तक पटरी पर लौटी: खुर्शीद
नई दिल्ली। एलओसी पर भारतीय सैनिकों की हत्या और सिर कलम करने की घटना से उपजे तनातनी के बीच विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद का रवैया पाकिस्तान के प्रति बेहद व्यावहारिक है। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद मीडिया के एक वर्ग में चल रही उग्र राष्ट्रवादी चर्चाओं से सरकार प्रभावित नहीं होगी। खुर्शीद के अनुसार तनाव के बावजूद
नई दिल्ली। एलओसी पर भारतीय सैनिकों की हत्या और सिर कलम करने की घटना से उपजे तनातनी के बीच विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद का रवैया पाकिस्तान के प्रति बेहद व्यावहारिक है। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद मीडिया के एक वर्ग में चल रही उग्र राष्ट्रवादी चर्चाओं से सरकार प्रभावित नहीं होगी। खुर्शीद के अनुसार तनाव के बावजूद पाकिस्तान के साथ जारी शांति प्रक्रिया काफी हद तक पटरी पर लौट चुकी है। लेकिन हमें इस दिशा में अभी आगे बढ़ते रहने की जरूरत है।
खुर्शीद करण थापर के 'डेविल्स एडवोकेट' कार्यक्रम में सवालों का जवाब दे रहे थे। उनका कहना था कि सीमा पर युद्ध विराम के उल्लंघन की घटनाओं के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार के वार्ता प्रस्ताव को ठुकराने का फैसला परिस्थिति जन्य था। हमें माहौल को सुधारने की जरूरत है। बातचीत के लिए कम से कम उचित माहौल तो होना ही चाहिए। विदेश मंत्री के मुताबिक जल्दबाजी में कोई कदम उठाना चतुराई नहीं है। हमें चीजों में बेवजह उलझने से बचना चाहिए। ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिसमें निराशा हाथ लगे।
सिर कलम करने की घटना के बाद पाकिस्तान के हाकी खिलाड़ियों को वापस भेजने के बारे में खुर्शीद ने कहा कि इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। आयोजकों ने अपने स्तर पर जो सही समझा, वह फैसला लिया। बकौल विदेश मंत्री पाकिस्तान के साथ वीजा समझौते को लटका नहीं दिया गया है। केवल पाकिस्तानी वरिष्ठ नागरिकों को वाघा सीमा पर आगमन वीजा मुहैया कराने संबंधी व्यवस्था को कुछ समय के लिए स्थगित किया गया है। खुर्शीद ने इस बात से इन्कार किया कि युद्ध विराम उल्लंघन और सिर कलम प्रकरण को लेकर सरकार चौतरफा घिर गई थी। उनका कहना था कि राष्ट्र हित में जो उचित रहा, वह हमने किया।
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