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पासवान ने कहा- राज्य सरकारें गरीबों और मजदूरों के लिए ओएमएसएस से खरीदें अनाज

पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना के तहत 104.4 लाख टन चावल और 15.6 लाख टन गेहूं की जरूरत है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 02 May 2020 10:22 PM (IST)Updated: Sat, 02 May 2020 10:22 PM (IST)
पासवान ने कहा-  राज्य सरकारें गरीबों और मजदूरों के लिए ओएमएसएस से खरीदें अनाज
पासवान ने कहा- राज्य सरकारें गरीबों और मजदूरों के लिए ओएमएसएस से खरीदें अनाज

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे लॉकडाउन से प्रभावित उन गरीबों और मजदूरों के लिए ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के माध्यम से अनाज खरीदें, जो जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के दायरे में नहीं आते। केंद्रीय खाद्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शनिवार को यह जानकारी दी। ओएमएसएस के तहत वर्तमान में सरकार 22 रुपये प्रति किलाग्राम के भाव से चावल और 21 रुपये के भाव से गेहूं मुहैया करा रही है।

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पासवान ने कहा- सभी राज्य ओएमएसएस के माध्यम से अनाज उठाएं

पासवान ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से ओएमएसएस के माध्यम से अनाज उठाने को कहा है। इससे उन परिवारों की जरूरतें पूरी होंगी जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) से आच्छादित नहीं होने के चलते पीडीएस माध्यम से राशन नहीं ले सकते।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के लाभार्थी 81 करोड़ हैं

गौरतलब है कि वर्तमान में एनएफएसए के लाभार्थियों की संख्या लगभग 81 करोड़ हैं। सरकार ने लॉकडाउन से प्रभावित लोगों की मदद के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठनों को ओएमएसएस के माध्यम से अनाज खरीदने की इजाजत पहले ही दी हुई है।

पासवान ने कहा- सरकार के गोदामों में अनाज की कमी नहीं 

पासवान का कहना था कि सरकार के गोदामों में अनाज की कोई कमी नहीं है। प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना (पीएमजीएवाई) के तहत खाद्यान्न व दालों के मुफ्त वितरण के बारे में पासवान ने कहा कि इस योजना के तहत 104.4 लाख टन चावल और 15.6 लाख टन गेहूं की जरूरत है। इसमें से कई राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 56.7 लाख टन चावल और 7.7 लाख टन गेहूं का उठाव किया जा चुका है।

पीएम ने कृषि सुधारों पर की चर्चा

देशव्यापी लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कृषि क्षेत्र में सुधार के विकल्पों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने इस दौरान कृषि उत्पादों की मार्केटिंग और किसानों के लिए लोन की उपलब्धता समेत विभिन्न मसलों पर विमर्श किया। लॉकडाउन के दौरान सरकार लगातार यह सुनिश्चित करने के प्रयास में जुटी है कि कृषि एवं इससे संबंधित गतिविधियां सुचारू तरीके से चलती रहें।


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