क्या अन्य तरीके से हासिल किए जा सकते थे नोटबंदी के लक्ष्य: संसदीय समिति
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार तथा सीबीडीटी के अध्यक्ष सुशील चंद्रा ने समिति को नोटबंदी के विभिन्न पहलुओं से गुरुवार को अवगत कराया।
नई दिल्ली, एजेंसी। एक संसदीय समिति ने गुरुवार को वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से नोटबंदी के बारे में सवाल पूछे। उनसे यह जानने की कोशिश की गई कि क्या नोटबंदी के लक्ष्य को अन्य तरीकों से हासिल किया जा सकता था? इसके साथ समिति ने नोटबंदी के असर का आकलन के लिए केंद्रीय मंत्रालयों तथा राज्यों के प्रतिनिधियों को बुलाने का फैसला किया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली वित्तीय मामलों से जुड़ी संसद की स्थाई समिति पिछले साल 8 नवंबर को सरकार द्वारा घोषित नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर असर की पड़ताल कर रही है। नोटबंदी के तहत पांच सौ और हजार रपए के करेंसी नोट चलन से बाहर कर दिए गए थे।
सूत्रों ने बताया कि आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार तथा सीबीडीटी के अध्यक्ष सुशील चंद्रा ने समिति को नोटबंदी के विभिन्न पहलुओं से गुरुवार को अवगत कराया। मंत्रालय के अधिकारियों से नोटबंदी के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कालाधन तथा टेरर फंडिंग पर शिकंजा और डिजीटल पेमेंट को बढ़ावा देने जैसे वैकल्पिक उपायों पर भी राय पूछी गई।
बताया जा रहा है कि समिति के सदस्यों ने 'ब्रांड इंडिया' पर नोटबंदी के असर को लेकर चिंता जताई, क्योंकि भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ रही बड़ी अर्थव्यवस्था नहीं रहा।
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