Indian Railways के आंतरिक संसाधनों में लगातार कमी पर संसदीय समिति ने जताई चिंता
संसद की स्थायी समिति ने रेलवे की खराब माली हालत पर चिंता जाहिर की है और रेल मंत्रालय से अपने आंतरिक संसाधनों में बढ़ोतरी के प्रयास तेज करने को कहा है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। संसद की स्थायी समिति ने रेलवे की खराब माली हालत पर चिंता जाहिर की है और रेल मंत्रालय से अपने आंतरिक संसाधनों में बढ़ोतरी के प्रयास तेज करने को कहा है।
रेलवे के आंतरिक संसधानों में आई तीव्र गिरावट
सांसद राधामोहन सिंह की अध्यक्षता वाली संसद की रेल मंत्रालय से संबद्ध स्थायी समिति ने रेलवे की अनुदान मांगों से संबंधित अपनी रिपोर्ट सोमवार को संसद के दोनो सदनों में पेश की। रिपोर्ट के अनुसार पिछले कई वर्षों के दौरान रेलवे के आंतरिक संसाधनों में तीव्र गिरावट देखने में आई है। इससे बजटीय सहायता तथा बाजार से लिए जाने वाले ऋणों पर रेलवे की निर्भरता बढ़ गई है। परिणामस्वरूप पूंजीगत परिव्यय में कमी आ रही है। इसे इस बात से समझा जा सकता है कि जहां वर्ष 2016-17 में कुल बजट में आंतरिक संसाधनों का योगदान 12125 करोड़ रुपये अर्थात 11.3 फीसद था।
वहीं 2017-18 में ये घटकर मात्र 3070 करोड़ रुपये अर्थात 3.1 फीसद रह गया। वर्ष 2018-19 में भी यही हालत रही और आंतरिक संसाधनों से रेलवे केवल 4663 करोड़ रुपये यानी 3.5 फीसद धन जुटा पाई। यही नहीं, 2019-20 में हालत और भी खराब हो गई क्योंकि रेलवे ने आंतरिक संसाधनों से केवल 5000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। और तो और 2020-21 के लिए भी आंतरिक संसाधन जुटाने का रेलवे का लक्ष्य मात्र 7500 करोड़ रुपये अर्थात 4.6 फीसद का है।
आंतरिक संसाधनों में कमी पर गंभीर चिंता जताई
आंतरिक संसाधनों में घनघोर कमी के लिए रेलवे ने यात्री, माल यातायात तथा विविध आय से होने वाली आमदनी में कमी के अलावा सातवें वेतन आयोग के असर को मुख्य वजह बताया है। परंतु समिति ने योजना निर्माण एवं प्रबंधन के मोर्चे पर रेलवे की आंतरिक खामियों एवं विफलताओं को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार माना है। समिति ने इस बात पर गंभीर चिंता प्रकट की है कि सरकार की ओर से पर्याप्त समर्थन एवं बाजार से कर्ज लेकर धन उपलब्ध कराये जाने के बावजूद रेलवे अपने आंतरिक संसाधनो में इजाफा नहीं कर पा रही है।
सड़क एवं विमानन क्षेत्र से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017-18 से अब तक रेलवे की यातायात से हासिल होने वाली वास्तविक सकल आय पुनरीक्षित अनुमान के मुकाबले लगातार कम हो रही है। रेल मंत्रालय ने इसके लिए यात्री एवं माल व्यवसाय के मोर्चे पर सड़क एवं विमानन क्षेत्र से प्राप्त हो रही कड़ी प्रतिस्पर्धा को जिम्मेदार ठहराया है। जबकि हाल की आर्थिक सुस्ती ने रेलवे की चुनौतियों को और बढ़ाने तथा कोयला और सीमेंट की ढुलाई को और घटाने का काम किया है।