शीतकालीन सत्र : संसदीय समिति के सामने सोमवार को पेश हो सकते हैं फेसबुक इंडिया के अधिकारी
फेसबुक इंडिया के शीर्ष अधिकारी सोमवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति के समक्ष पेश हो सकते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति की सोमवार को बैठक होने वाली है। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है।
नई दिल्ली,पीटीआइ। फेसबुक इंडिया के शीर्ष अधिकारी सोमवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति के समक्ष पेश हो सकते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति की सोमवार को बैठक होने वाली है। लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी एक नोटिस के अनुसार इसमें नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और सोशल/आनलाइन समाचार मीडिया प्लेटफार्म के दुरुपयोग को रोकने को लेकर फेसबुक इंडिया के प्रतिनिधियों के विचारों को सुनने के लिए बैठक होने वाली है।
पैनल ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म के शीर्ष अधिकारियों को तलब किया
बैठक में विशेष रूप से सोशल मीडिया पर डिजिटल स्पेस में महिलाओं की सुरक्षा पर भी चर्चा होगी। नोटिस के मुताबिक, इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी भी इसी मुद्दे पर पैनल के सामने पेश होंगे। पैनल ने इस विषय पर कई बैठकें की हैं और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म के शीर्ष अधिकारियों को तलब किया है।
शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से होगा शुरू
बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है। इस बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने आगामी शीतकालीन सत्र और महत्वपूर्ण कार्यों के एजेंडे पर चर्चा करने के लिए कल संसद में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने भी शीतकालीन सत्र के सुचारू संचालन पर चर्चा के लिए कल शाम उच्च सदन में सदन के नेताओं की बैठक बुलाई है। वहीं लोकसभा स्पीकर ओम बिरला 29 नवंबर को पार्टियों के फ्लोर नेताओं के साथ एक बैठक करेंगे।
केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में 26 नए विधेयक पेश करेगी
केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में 26 नए विधेयक पेश करेगी। सरकार ने संकेत दिया है कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले विधेयक को प्राथमिकता दी जाएगी। इस हफ्ते की शुरुआत में केंद्रीय कैबिनेट ने इस बिल को मंजूरी दे दी थी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा था कि संसद के शीतकालीन सत्र में तीन कृषि कानूनों को निरस्त कराना सरकार की प्राथमिकता होगी।