पांच साल में पेपरलेस होंगी देश की सभी विधानसभा और विधान परिषद
संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार सभी राज्यों के विधानमंडलों को पेपरलेस, डिजिटल करने को लेकर प्रयास कर रही है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। देश के सभी राज्यों की विधानसभाओं के मुख्य सचेतक और सचेतकों का दो दिवसीय सम्मेलन सोमवार से उदयपुर में शुरू हुआ। सम्मेलन का उद्घाटन केन्द्रीय संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने किया और अध्यक्षता राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने की। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में केन्द्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल और अर्जुन राम मेघवाल भी मौजूद रहे। सम्मेलन में विधायिका के कुशल कार्य संचालन, व्यवस्थापिका के डिजिटलाइजेशन करने और उनके कार्य संचालन को पेपरलेस बनाने के लिए ई-विधान पर विचार किया जा रहा है।
सम्मेलन में विधानसभा और विधानमंडलों की बैठकों की संख्या बढ़ाने के साथ ही शोरशराबे में समय खराब नहीं करने पर भी चर्चा हुई। गोवा और विशाखापट्नम में पिछले दो सालों में हुए सम्मेलनों की रिपोर्ट के क्रियान्वयन पर पहले दिन चर्चा की गई।
उद्घाटन सत्र में केन्द्रीय संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार देश के सभी राज्यों के विधानमंडलों को पेपरलेस और डिजिटल करने को लेकर प्रयास कर रही है। इसके लिए 750 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। अगले पांच वर्षों में ई-विघान कार्यक्रम के तहत सभी राज्यों की विधानसभाओं और विधान परिषदों को पेपरलेस किया जाएगा।
केन्द्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने कहा कि सचेतक को दोहरी भूमिका निभानी होती है। सत्तापक्ष के सचेतक के तौर पर उन्हे जहां विपक्षी दलों की रणनीति पर निगाह रखने के साथ ही विधेयक लाने और पारित कराने की जिम्मेदारी रखनी होती है,वहीं विपक्षी दल के सचेतक के नाते उन्हे सत्तापक्ष पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करनी होती है।
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि सचेतकों का संसदीय कार्य प्रणाली में महत्वपूर्ण दायित्व है । पक्ष और विपक्ष दोनों को प्रयास करना चाहिए कि सदन अधिक से अधिक समय तक चले। उन्होंने कहा कि हंगामे के बजाय सदन में आम जन से जुड़े मुद्दों पर बहस होनी चाहिए।
सम्मेलन की जानकारी देते हुए संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मीडिया को बताया कि 18 वें अखिल भारतीय सचेतक सम्मेलन में सभी राज्यों की विधानसभा, विधानपरिषदों में राजनीतिक दलों के सचेतक और सरकारी मुख्य सचेतक शामिल हो रहे हैं।