पंकजा मुंडे के मुकाबले राकांपा का धनंजय मुंडे कार्ड
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने स्व. गोपीनाथ मुंडे के भतीजे धनंजय मुंडे को विधान परिषद में विरोधी दल का नेता बनाने का निर्णय किया है। ऐसा करके राकांपा पिछड़ों की राजनीति में मुंडे की दोनों पुत्रियों के मुकाबले उनके ही भतीजे को इस्तेमाल करना चाहती है।
मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने स्व. गोपीनाथ मुंडे के भतीजे धनंजय मुंडे को विधान परिषद में विरोधी दल का नेता बनाने का निर्णय किया है। ऐसा करके राकांपा पिछड़ों की राजनीति में मुंडे की दोनों पुत्रियों के मुकाबले उनके ही भतीजे को इस्तेमाल करना चाहती है।
राकांपा ने राज्य विधानपरिषद में नेता विरोधी दल के पद पर दावा करते हुए अनेक वरिष्ठ नेताओं के बजाय धनंजय को नेता बनाने संबंधी पत्र विधान परिषद अध्यक्ष को सौंपा है। किसी और दल का कोई दावेदार सामने न आने से धनंजय का नेता विरोधी दल बनना भी तय है। दरअसल, विपक्ष में बैठ रही राकांपा के पास 28 व कांग्रेस के पास 21 सदस्य हैं। राकांपा इसी संख्या बल का लाभ लेकर धनंजय को नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहती है।
धनंजय को गोपीनाथ मुंडे ने ही पहली बार विधान परिषद भेजा था, लेकिन चाचा से अलगाव के बाद धनंजय ने विधान परिषद से त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद राकांपा के कोटे से वह विधान परिषद पहुंचे।
अब राकांपा उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाकर भाजपा के पिछड़े वर्ग के वोट बैंक में सेंध लगाना चाहती है। दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत में गोपीनाथ की बड़ी बेटी पंकजा मुंडे की राज्यव्यापी रैलियों ने अहम भूमिका निभाई है।
यही वजह है कि राकांपा पंकजा के मुकाबले धनंजय को मोहरा बनाकर न सिर्फ मराठवाड़ा क्षेत्र बल्कि पूरे महाराष्ट्र के पिछड़े वर्ग का एक नया नेतृत्व खड़ा करना चाहती है। अभी राकांपा में छगन भुजबल इस भूमिका में हैं। पिछड़ों की राजनीति में खुद गोपीनाथ मुंडे भी भुजबल को अपना नेता मानते थे। माना जा रहा है कि धनंजय को आगे कर पवार परिवार भुजबल के भी पर कतरना चाहता है।
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