मध्य प्रदेश के मंत्रालय में दहशत का माहौल, चार दिन में तीन कर्मचारियों की कोरोना से मौत, लगाई यह गुहार
पिछले चार दिन में मंत्रालय में कार्यरत तीन कर्मचारियों की कोरोना से मौत के बाद कर्मचारियों में दहशत का माहौल है। मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने एक बार फिर मंत्रालय और सभी राज्य स्तरीय कार्यालय 15 मई तक बंद करने की मांग दोहराई है।
भोपाल, जेएनएन। पिछले चार दिन में मंत्रालय में कार्यरत तीन कर्मचारियों की कोरोना से मौत के बाद कर्मचारियों में दहशत का माहौल है। मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने एक बार फिर मंत्रालय और सभी राज्य स्तरीय कार्यालय 15 मई तक बंद करने की मांग दोहराई है। संघ ने तीन दिन पहले ही सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा है। हालांकि विभाग ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है। संघ ने चेतावनी दी है कि विभाग ने जल्द निर्णय नहीं लिया तो मंत्रालय के अधिकारी एवं कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मंत्रालय में कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है। इससे 20 अप्रैल को लेखा शाखा के दफ्तरी प्रदीप बाथम का निधन हो गया तो 22 अप्रैल को लोक सेवा प्रबंधन विभाग की सहायक अनुभाग अधिकारी शीला पंजवानी की सांसों की डोर टूट गई। औद्योगिक नीति एवं निवेश विभाग से भी शनिवार को बुरी खबर आ गई। विभाग में पदस्थ सहायक अनुभाग अधिकारी शेरू खान का इंतकाल हो गया। चार दिन में अपने तीन साथियों की मौत ने कर्मचारियों को अंदर से हिला दिया है। अब कर्मचारियों में डर बैठ गया है और वे दफ्तर जाने के लिए तैयार नहीं हैं।
मालूम हो कि कर्मचारियों को रोटेशन ड्यूटी होने के कारण कार्यालय जा रहे हैं। सभी सरकारी दफ्तरों में 25-25 फीसद कर्मचारियों को रोटेशन में बुलाया जा रहा है। मंत्रालयीन कर्मचारी संघ का कहना है कि सिर्फ मंत्रालयीन कर्मचारी ही क्यों, दफ्तर आने वाले अधिकारियों और शीघ्र लेखक कर्मचारियों को भी घर से काम करने का इजाजत दी जाए, जैसे कि कुछ बड़े अधिकारी कर रहे हैं।
संघ के कार्यकारी अध्यक्ष राजकुमार पटेल का कहना है कि मंत्रालय के दोनों नए भवन में सेंट्रली एसी है। एसी की वजह से संक्रमण तेजी से फैल रहा है और भवन के किसी भी कोने में बैठा कर्मचारी प्रभावित हो रहा है। इसलिए कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए मंत्रालय पूरी तरह से बंद करना ही सही रहेगा। मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने कहा कि विभाग से लगातार मांग कर रहे हैं। अब तक तो कुछ नहीं हुआ है। यदि विभाग जल्द कोई निर्णय नहीं लेता है तो कर्मचारियों से सामूहिक अर्जित अवकाश के फार्म भरवाए जाएंगे और हम आना बंद कर देंगे।