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Pandit Jasraj Passes Away: अजब तेरी दुनिया मालिक, को जाने को ना जाने..

Pandit Jasraj Passes Away तीन ताल में बद्ध उनकी बंदिश-अजब तेरी दुनिया मालिक को जाने को ना जाने..ने इस सत्य से आगाह कर दिया था कि मौत कब आ जाए यह कोई नहीं कह सकता..।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 09:44 AM (IST)Updated: Tue, 18 Aug 2020 09:44 AM (IST)
Pandit Jasraj Passes Away: अजब तेरी दुनिया मालिक, को जाने को ना जाने..
Pandit Jasraj Passes Away: अजब तेरी दुनिया मालिक, को जाने को ना जाने..

मणिकांत मयंक, फतेहाबाद। Pandit Jasraj Passes Away पंडित जसराज के रूप में शास्त्रीय संगीत के एक प्रयोगवादी सितारे का अचानक परलोक सिधार जाना..अपूर्णीय क्षति। इहलोक में सन्नाटा। हरियाणा के फतेहाबाद स्थित उनके पैतृक गांव पीलीमंदोरी से लेकर संपूर्ण संगीत लोक तक। संगीत के इस अद्भुत जस ने कुछ साल पहले ही राग दरबारी में बंदिश के जरिये आशंकित विछोह का संकेत दे दिया था। तीन ताल में बद्ध उनकी बंदिश-अजब तेरी दुनिया मालिक, को जाने को ना जाने..ने इस सत्य से आगाह कर दिया था कि मौत कब आ जाए यह कोई नहीं कह सकता..।

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पंडित जसराज के बाल सखा रागड़िया, रामचंद्र बगड़िया, धनीराम डूडी व इंद्राज डूडी बताते हैं कि पंडित जसराज सिद्धांतवादी थे। एक वाकये का जिक्र करते हैं कि उस दिन सब साथ थे। तेज बारिश आ रही थी। उनसे कहा कि यहीं सो जाओ। उन्होंने कहा-नहीं हम घर जाएंगे तो हमने कहा-हमारा हाथ पकड़ लो। पंडितजी ने तपाक से कहा, जिसका हाथ एक बार पकड़ता हूं..फिर छोड़ता नहीं। जसराज के बाल सखा कहते हैं, म्हारे जस ने दुनिया पै राज किया। नामचीन हस्ती बनने के बाद भी हम लोगों को याद करता रहा।

संगीत प्रेमियों के दिल पर था जस का राज : जसराज ने मेवात घराने को शास्त्रीय गायकी में नया मुकाम दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दोच्चारण, सुरीले सुर और लयकारी से शास्त्रीय संगीत की ऐसी त्रिवेणी बहाई कि देश-दुनिया के करोड़ों संगीत प्रेमी दिलों पर उनका राज हो गया। प्रयोगवादी जसराज ने जुगलबंदी को नई दिशा देते हुए कई अलग रागों की रचना ही कर दी। संगीत के सुधिजनों ने तो उनके एक राग का नाम भी जसरंगी रख दिया।

शास्त्रीय संगीत को समृद्ध किया: कान्हड़ा, चरजू की मल्हार जैसे रागों से संगीत को पंडित जसराज ने समृद्ध किया। उनकी कृति संग्रह में शुमार स्वरचित बंदिशों की बानगी देखिये- बरखा रितु आई, रितु आई सलोनी पिया। ऐसी कारी-पीरी घटा चहुंओर छाई। चमक बिजुरिया हमें ही डराए, नैनन नींद चुराए। राग घुलिया मल्हार की तीन ताल में बंदिश बरबस ही जुबां पर उतर आती है।

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अजब तेरी दुनिया मालिक, को जाने को ना जाने..

वी शांताराम की पुत्री से हुआ विवाह

पंडित जसराज का विवाह वर्ष 1962 में प्रख्यात फिल्म निर्माता वी शांताराम की पुत्री मधुरा शांताराम से हुआ। पुत्र शारंग देव और पुत्री दुर्गा जसराज हैं, जो प्रख्यात टीवी एंकर हैं। प्रसिद्ध संगीतकार जतिन-ललित उनके भतीजे हैं और सुलक्षणा पंडित व विजेता भतीजी हैं।


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