नई दिल्ली, पीटीआइ। करतारपुर कॉरिडोर को लेकर लगातार भ्रम की स्थिति पैदा पैदा करने वाला पाकिस्तान एक बार फिर अपने वादे से पलट गया है। पाकिस्तान ने कहा है कि वो अब 9 नवंबर को भी करतारपुर कॉरिडोर आने वाले श्रद्धालुओं से लेगा 20 डॉलर का शुल्क वसूलेगा।
पिछले हफ्ते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने घोषणा करते हुए कहा था कि करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के दिन और गुरु नानक की 550 वीं जयंती के मौके पर तीर्थयात्रियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
करतारपुर कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान लगातार ऊल-जुलूल हरकते करता आया है। तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट की अनिवार्यता को लेकर पाकिस्तान सरकार और वहां की सेना आमने-सामने दिख रहे हैं। पहले इमरान खान ने खुद ट्वीट कर कहा था कि करतारपुर आने वाले यात्रियों को पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी, लेकिन बाद में पाकिस्तान सरकार अपनी बात से मुकर गई। इमरान खान की बात को खारिज करते हुए पाक सेना कि तरफ से कहा गया कि हम सुरक्षा कारणों की बजह से पासपोर्ट में छूट नहीं दे सकते।
दिखावा न करे पाकिस्तान
गुरूवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'पाकिस्तान से बहुत ही विरोधाभासी खबरें आ रही हैं। कभी कहा जाता है कि पासपोर्ट चाहिए और कभी कहा जाता है कि नहीं चाहिए। उन्हें इस तरह का दिखावा करने की कोई जरूरत नहीं है कि वह इस कॉरिडोर के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं। जहां तक भारत का सवाल है तो हम समझौते के मुताबिक चल रहे हैं। समझौते में साफ है कि पहचान पत्र के तौर पर पासपोर्ट बाध्यकारी होगा।'
शनिवार को होगा कॉरिडोर का दोनों देशों में शुभारंभ
बता दें कि शनिवार को भारत-पाकिस्तान अपनी-अपनी ओर से करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। उसी दिन 550 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल इस कॉरिडोर के जरिए करतारपुर जाएगा। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी व हरसिमरत कौर बादल, कई सांसद और गणमान्य नागरिक शामिल हैं।
चार किलोमीटर लंबा कॉरिडोर
बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में स्थित इंटरनेशनल बॉर्डर से सिर्फ चार किलोमीटर की दूरी पर है। करतारपुर में दरबार साहिब के साथ भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक मंदिर को इस कॉरिडोर के माध्यमन से जोड़ा गया है।
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