जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत में मजूबती से अपना पक्ष रखेगा पाकिस्तान
कुलभषण जाधव मामले में पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रखेगा।
नई दिल्ली (एजेंसी)। भारतीय नागरिक कुलभूषषण जाधव मामले में पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय अदालत में काफी मजबूती से अपना पक्ष रखने की रणनीति बना रहा है। पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई है। जबकि अंतरराष्ट्रीय अदालत ने उस सजा पर रोक लगा दी है।
'डॉन' अखबार ने अटॉर्नी जनरल अश्तर औसाफ के हवाले लिखा है, 'हमने अपनी सिफारिशें प्रधानमंत्री और विदेश कार्यालय में भेज दी हैं।' बताते हैं कि इन सिफारिशों में पाकिस्तानी रणनीति की पूरी रूपरेखा बताई गई है कि जाधव मामले में हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के समक्ष क्या-क्या दलीलें रखी जाएंगी। औसाफ ने कहा कि सभी कदमों और विकल्पों को गोपनीय रखना बेहद जरूरी है ताकि दूसरे पक्ष को हमारी रणनीति की भनक न लग सके। इससे पहले औसाफ ने विदेश कार्यालय और कानून मंत्रालय के अधिकारियों के साथ दो दिनों तक मैराथन बैठक भी की। उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में वह ही पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगे।
लेकिन, उन्होंने विदेश से किसी और की सेवाएं लेने की संभावना से भी इनकार नहीं किया। उन्होंने माना कि अब काफी कम समय बचा है क्योंकि 15 मई से मामले की सुनवाई शुरूहो रही है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस मामले में बेहद मजबूती के साथ तगडा जवाब देगा। 1999 अटलांटिक विमान घटना का ले सकता है सहारा वहीं, अंतरराष्ट्रीय कानून के एक विशेषषज्ञ ने बताया कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय अदालत के समक्ष न्यायाधिकार का मसला उठा सकता है। अपनी दलील के समर्थन में वह 1999 में एक अटलांटिक विमान को मार गिराने की घटना का हवाला दे सकता है जिसमें भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत का न्यायाधिकार स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।
भारत का कहना था कि अंतरराष्ट्रीय अदालत राष्ट्रमंडल देशों के बीच विवादों से जुड़े मामलों की सुनवाई नहीं कर सकती। बता दें कि कुलभूषषण जाधव को पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में पिछले साल तीन मार्च को गिरफ्तार किया था। जबकि, भारत का दावा है कि पाकिस्तान ने जाधव का ईरान से अपहरण कर गिरफ्तार किया है।
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