Kulbhushan Jadhav Case : हास्यास्पद है कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान का पैंतरा, भारत ने फिर लगाई लताड़
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव का कहना है कि पाकिस्तान की पूरी कोशिश है कि जाधव को कानूनी मदद पहुंचाने का कोई भी रास्ता भारत अख्तियार नहीं कर सके।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कुलभूषण जाधव के मामले में एक के बाद एक दिक्कत पैदा कर रहे पाकिस्तान को भारत ने फिर लताड़ लगाई है और कहा है कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आइसीजे) के मुताबिक, कदम उठाने की व्यवस्था करे और जाधव को भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों से खुल कर मिलने का इंतजाम करे। भारत ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान सरकार जाधव के मामले में लगातार शंका पैदा करने की कोशिश कर रहा है। वह ना तो आइसीजे के निर्देश के मुताबिक, ही कदम उठा रहा है और ना ही अपनी ही सरकार के अध्यादेश का पालन कर रहा है। पाकिस्तान ना तो पहले आइसीजे के निर्देश को लागू करने में रुचि ले रहा था और ना ही अभी ले रहा है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव का कहना है कि पाकिस्तान की पूरी कोशिश है कि जाधव को कानूनी मदद पहुंचाने का कोई भी रास्ता भारत अख्तियार नहीं कर सके। श्रीवास्तव ने बताया कि भारत ने अभी तक 12 बार पाकिस्तान से आग्रह किया है कि हमारे अधिकारियों की जाधव से मुलाकात कराई जाए, लेकिन पाकिस्तान ने एक बार फिर सही मायने में ऐसा नहीं करा पाया है।
आईसीजे के निर्देश के बाद दो बार भारतीय अधिकारियों से जाधव की मुलाकात कराई गई है, लेकिन वहां पाकिस्तान के अधिकारी मौजूद रहे हैं और जाधव पर दबाव बना कर रखा गया था ताकि वह खुल कर बात नहीं कर सके। 16 जुलाई को अंतिम बार मुलाकात कराई गई, लेकिन जब भारतीय अधिकारियों ने जाधव को कुछ प्रपत्र देने चाहे तो उन्हें रोक दिया गया। इससे जाधव का कानूनी प्रतिनिधित्व हासिल करने की कोशिश असफल रही।
इसके अलावा जाधव पर चलाई गई कानूनी कार्रवाई से जुड़े प्रपत्रों को सौंपने में भी पाकिस्तान की तरफ से हमेशा टाल-मटोल किया गया। पहले भारत को बताया गया कि ये प्रपत्र सिर्फ पाकिस्तान वकील को सौंपे जा सकते हैं। भारत ने तब जाधव के लिए पाकिस्तानी वकील को हायर किया और उसने जब वहां के संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों से बात की, तो यह बताया गया कि उसे विदेशी नागरिकों से जुड़े प्रपत्र नहीं दिए जा सकते।
हाल ही में पाकिस्तान सरकार की तरफ से जारी एक अध्यादेश के हिसाब से भारत ने जब जाधव का मामला कोर्ट में ले जाने की कोशिश की, तो वहां भी पाकिस्तान ने कई अड़चनें पैदा की। पहले यह बताया गया कि 19 जुलाई तक याचिका दायर करना है। बाद में बताया गया कि 20 जुलाई को दायर करना है। दरअसल, इस अध्यादेश के मुताबिक, पाकिस्तान की सैन्य अदालतों से सजा पाये मुजरिमों को हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की छूट दी गई है। भारत इस अध्यादेश के मुताबिक जाधव के लिए अपील करना चाहता है। बहरहाल, पाकिस्तान ने इस अध्यादेश के बारे में साफ-साफ भारत को जानकारी देने में भी दो हफ्ते का समय लगा दिया। श्रीवास्ताव ने अंत में कहा कि पाकिस्तान आइसीजे के निर्देश के मुताबिक जाधव को कानूनी मदद देने में पूरी तरह से विफल रहा है।