भारत की आक्रामक कूटनीतिक से घिरा पाक भारतीय उच्चायोग पर अपनी खीझ उतार रहा
उच्चायोग के आला अधिकारी जब भी बाहर निकलते हैं तो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के लोग उनका ना सिर्फ पीछा करते हैं बल्कि उन्हें परेशान भी करते हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत की आक्रामक कूटनीतिक पहल से चौतरफा घिर रहा पाकिस्तान अपनी खीझ इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों पर उतार रहा है। हालात यह है कि उच्चायोग के आला अधिकारी अब जब भी बाहर निकल रहे हैं तो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के लोग उनका साये की तरह ना सिर्फ पीछा कर रहे हैं बल्कि उन्हें तरह-तरह से परेशान भी कर रहे हैं।
उच्चायोग में काम करने वाले सुरक्षा गार्डो को भी लगातार परेशान किया जा रहा है। 8 अप्रैल से 10 अप्रैल, 2019 के बीच उच्चायोग के अधिकारियों को प्रताडि़त करने की 13 घटनाएं दर्ज की गई हैं। भारतीय उच्चायोग ने इस बारे में पाकिस्तान विदेश मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी है और उचित कार्रवाई करने की अपील की है।
08 अप्रैल, 2019 को भारतीय उच्चायोग के फर्स्ट सेक्रेट्री और नौ सेना सलाहकार को बेहद संदिग्ध हालात में दो अलग अलग वाहनों से पीछा किया। ये दोनो अधिकारी उच्चायोग स्थित अपने दफ्तर से घर जा रहे थे। इनकी कार को बेहद आक्रामक तरीके से ओवरटेक किया गया जिससे कोई हादसा हो सकता था। साथ ही मिशन के लोगों को लगातार फोन करके परेशान किया जा रहा है और उन्हें धमकी दी जा रही है।
09 मार्च को उप उच्चायुक्त जब घर से बाजार जा रहे थे तब उनका पीछा एक संदिग्ध बाईक सवार ने किया। यह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों का पुराना तरीका है। वह कई बार भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों की कारों का बेहद खतरनाक तरीके से पीछा करते हैं और फिर कार को रुकवा कर सवारियों को धमकी भी देते हैं। नौ सेना सलाहकार को दो दिनों तक लगातार इसी तरह से पीछा किया गया।
सनद रहे कि पाकिस्तान की तरफ से हाल ही में यह बयानबाजी की गई है कि भारतीय नौ सेना ने बेहद खतरनाक तरीके से उसे घेर रखा है। भारत इससे इनकार करता रहा है।
बहरहाल, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के लोग लगातार भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों के घर में तैनात सुरक्षा गार्डो को भी परेशान कर रहे हैं। इन गार्डो को रोक कर तमाम जानकारियों हासिल करने की कोशिश की जाती है।
भारतीय उच्चायोग की तरफ से पाकिस्तान को यह भी बताया गया है कि उच्चायुक्त का पीछा रोजाना के स्तर पर किया जा रहा है। इन उदाहरणों को विएना समझौते का उल्लंघन बताते हुए पाकिस्तान विदेश मंत्रालय से उचित कार्रवाई करने को कहा गया है। यह भी आग्रह किया गया है कि मंत्रालय इसकी जांच करवाते हुए उसकी रिपोर्ट साझा करे।