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पाकिस्तान ने गुपचुप हटाए पांच हजार आतंकियों से प्रतिबंध, एफएटीएफ की बैठक से पहले इमरान की हिमाकत

पाकिस्‍तान एफएटीएफ छह प्रमुख दायित्वों को पूरा करने में नाकाम रहा है। एफएटीएफ की ओर से पाकिस्‍तान को सौंपे गए इन छह एक्‍शन की-नोट में आतंकी मसूद अहजर और हाफि‍ज सईद के खिलाफ कार्रवाई किया जाना शामिल है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 06:20 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 03:59 AM (IST)
पाकिस्तान ने गुपचुप हटाए पांच हजार आतंकियों से प्रतिबंध, एफएटीएफ की बैठक से पहले इमरान की हिमाकत
पाकिस्‍तान एफएटीएफ छह प्रमुख दायित्वों को पूरा करने में नाकाम रहा है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की पेरिस में होने वाली बैठक से ठीक पहले भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। पाकिस्तान ने एफएटीएफ के दिशानिर्देशों के अनुरूप संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी सरगना- हाफिज सईद और मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई तो की नहीं, पांच हजार से ज्यादा आतंकियों के नाम भी ब्लैक लिस्ट से हटा दिए। इसके चलते अब ये आतंकी बेरोक-टोक कहीं जा और आ सकेंगे।

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एफएटीएफ की 21 अक्टूबर से होने वाली बैठक में पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर विचार किया जाना है। यह वैश्विक संस्था आतंकी संगठनों और अपराधी गिरोहों के अर्थतंत्र की निगरानी करती है। साथ ही मनी लांड्रिंग रोकने के लिए सरकारों पर दबाव बनाती है। आतंकियों की मदद करने के कारण एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल रखा है और 27 बिंदुओं पर कार्रवाई करने का उसे निर्देश दिया है। लेकिन पाकिस्तान कार्रवाई के नाम पर दिखावा कर रहा है। 

पाकिस्‍तान ने हाल ही में अपने एंटी टेररिज्म एक्ट के शैड्यूल फोर के तहत प्रतिबंधित किए गए 7,600 आतंकियों की सूची में से चुपचाप पांच हजार से ज्यादा नाम हटा दिए हैं। यह फैसला गृह मंत्री एजाज शाह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया। पाकिस्तानी मीडिया में यह बात लीक होने के बाद बैठक से पहले ही एफएटीएफ में पाकिस्तान के खिलाफ माहौल बनने लगा है। संस्था के एक अधिकारी ने कहा, पाकिस्तान का ग्रे लिस्ट में बना रहना तय है, बात उससे आगे भी जा सकती है। 

यह माहौल तब बन रहा है जबकि पाकिस्तान के मित्र चीन और तुर्की उसकी जोरदार पैरवी के लिए मन बनाए हुए हैं। पता चला है कि संस्था के प्रमुख सदस्य देश-अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के कदमों से संतुष्ट नहीं हैं। पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में रहते उसे वैश्विक संस्थाओं से आर्थिक सहायता मिलने और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के पूंजीनिवेश में दिक्कत आ रही है। ऐसे में तंगहाल पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और कमजोर हो रही है।

आतंकी सरगना मौलाना मसूद अजहर, हाफिज सईद और जकीउर-रहमान लखवी मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को हुए आतंकी हमले और पुलवामा में 2019 में सीआरपीएफ की बस पर हुए हमले समेत तमाम वारदातों के लिए वांछित हैं। बीते दिनों एपीजी की रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान ने एफएटीएफ की 40 सिफारिशों में से केवल दो में सुधार किया है। अपनी 12 पन्नों की रिपोर्ट में एपीजी ने कहा था कि पाकिस्तान अभी 'एनहान्स्ड फोलो-अप' की सूची में ही बरकरार रहेगा...  


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