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बदले माहौल का फायदा उठाने की हो सकती है ना'पाक' कोशिश

ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के कुछ देशों में स्थित पाकिस्तान के उच्चायोगों व राजदूतावासों के जरिए भी कश्मीर मुद्दे को उठाने की लगातार कोशिश कर रहा है।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 10:50 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 10:50 PM (IST)
बदले माहौल का फायदा उठाने की हो सकती है ना'पाक' कोशिश
बदले माहौल का फायदा उठाने की हो सकती है ना'पाक' कोशिश

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कश्मीर में जिस तरह से अचानक ही राजनीतिक गतिविधियों ने करवट बदली है उसका पाकिस्तान की तरफ से भी पूरा फायदा उठाने की कोशिश हो सकती है। खास तौर पर कुछ ही दिन पहले संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयोग की तरफ से कश्मीर पर जारी रिपोर्ट और अब वहां चुनी हुई सरकार गिरने के बाद पाकिस्तान की तरफ से इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछालने की कोशिश की जा सकती है। इस आशंका को देखते हुए भारत की तरफ से भी इस बात की पूरी तैयारी की जा रही है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान कश्मीर राग को नहीं अलाप सके। इसके लिए विदेश मंत्रालय प्रमुख देशों में स्थित अपने दूतावासों, उच्चायोगों व अन्य कार्यालयों को सतर्क कर चुका है। भारत दुनिया के सामने कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को उकसाने में पाकिस्तान सेना की भूमिका को और जोरदार तरीके से सामने लाने की तैयारी कर रहा है।

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सूत्रों का कहना है कि भारत की इस बात की सूचना मिली है कि संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पाकिस्तान इसे दूसरे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की कोशिश करेगा। ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के कुछ देशों में स्थित पाकिस्तान के उच्चायोगों व राजदूतावासों के जरिए भी कश्मीर मुद्दे को उठाने की लगातार कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान कश्मीर में राजनीतिक अस्थिरता का मुद्दा भी इस क्रम में उठा सकता है। ऐसे में भारत की तैयारी इस बात की है कि कश्मीर में शांति बहाल करने को लेकर हाल के दिनों में जो भी कदम उठाये गये हैं उसको हर पक्ष से परिचित करवाया जाए।

पिछले एक साल में भारत के गृह मंत्री की तरफ से कश्मीर में दो बार लंबे प्रवास पर रहने और वहां के हर पक्ष से खुल कर बात करने का आह्वान को भी भारत समय आने पर दूसरे पक्षों को अवगत करायेगा। स्वयं पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से दीवाली पर्व कश्मीर में व्यतीत करना और कश्मीर के युवाओं को मुख्य धारा में लाने के लिए गंभीर कोशिश करना भारत की कोशिशों का हिस्सा है। वार्ताकार भी नियुक्त किए गए हैं जो हर किसी से बातचीत करने के लिए तैयार हैं।

सूत्रों का कहना है कि कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के एजेंडे से अभी खास तौर पर इसलिए भी सतर्क रहने की जरुरत है क्योंकि पाकिस्तान की कश्मीर नीति पूरी तरह से वहां की सेना तय कर रही है। पाकिस्तान में अगले महीने आम चुनाव हैं और वहां के राजनीतिक दल उसमें उलझे हुए हैं। भारतीय खुफिया एजेंसियों को इस बात की ठोस जानकारी लगातार मिल रही है कि पाकिस्तान सेना सीमा पार से प्रशिक्षित आतंकियों के बड़े जत्थे को भारत में घुसाने की कोशिश में है। माना जा रहा ह कि रमजान के महीने में अकारण ही पाकिस्तान सेना की तरफ से दो-तीन दिनों तक जब जबरदस्त गोलाबारी की गई थी तो उसकी आड़ में आतंकियों को भारत में घुसाया गया है। दक्षिण कश्मीर के जंगलों में एक दर्जन ऐसे आतंकियों के छिपे होने की बात खुफिया एजेंसियां बता रही हैं। कुछ आतंकियों के स्थानीय लोगों के बीच घुसपैठ बनाने की आशंका है।


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